बदायूं के सहसवान में सेवा नर्सिंग होम के पास दिनदहाड़े एक दूध बेचने वाले युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारा किसी और को निशाना बनाने आया था, पुलिस जांच में जुटी।
सेवा नर्सिंग होम बना मौत का अड्डा: सहसवान में दूध बेचने निकला युवक दिनदहाड़े गोली से छलनी, हत्यारा किसी और को मारने आया था!
बदायूं / सहसवान :बुधवार की दोपहर नट बाबा गली की सड़क पर खून बिखरा पड़ा था, एक दूधिया छटपटा रहा था और लोग चीख रहे थे - "किसे मारने आए थे? ये तो रोज दूध देता था!"
दिनदहाड़े, सरेआम, भीड़भाड़ वाले इलाके में एक निर्दोष दूधिया को गोलियों से छलनी कर दिया गया। सनसनी ऐसी मची कि सेवा नर्सिंग होम पर लोगों का गुस्सा फट पड़ा- भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
मकसद था प्रमोद की जान लेना, लेकिन गोली चली दूधिया पर!
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, बाइक सवार तीन युवक सेवा नर्सिंग होम के संचालक प्रमोद यादव को मारने आए थे।
आरोपी अवधेश यादव पहले से नर्सिंग होम के विवादित हिस्से को लेकर प्रमोद से रंजिश रखता था।
गोलियां चलाने से पहले शायद वो देखने तक का इंतज़ार नहीं कर सके - उसी वक्त वहां से गुजर रहा दूधिया "उदयवीर" गोलियों की चपेट में आ गया।
दूध देने निकला था, कभी सोचा भी नहीं होगा कि आज घर नहीं लौटेगा
कुरिया गांव का रहने वाला 40 वर्षीय उदयवीर रोज़ की तरह दूध देने सहसवान आया था। नट बाबा गली में जैसे ही वो पहुंचा, बाइक सवार युवकों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
एक गोली सीधे उदयवीर के सिर में लगी और वो वहीं सड़क पर गिर पड़ा।
लोग दौड़े, लेकिन अस्पताल पहुंचने तक उसकी सांसें टूट चुकी थीं।
गुस्साई भीड़ ने नर्सिंग होम को बनाया निशाना
जैसे ही लोगों को मालूम पड़ा कि गोली नर्सिंग होम से जुड़ी आपसी रंजिश में चली थी और उदयवीर महज एक मासूम शिकार था - भीड़ ने सेवा नर्सिंग होम में घुसकर तोड़फोड़ शुरू कर दी।
कांच टूटे, दरवाजे उखड़े और अस्पताल का पूरा स्टाफ सहम गया।
एक नहीं, तीन थानों की फोर्स बुलानी पड़ी- सहसवान, मुजरिया और जरीफनगर।
SSP बोले "निशाना प्रमोद था, गोली दूधिया को लग गई"
बदायूं के SSP डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि
"प्रमोद यादव के मकान में अवधेश यादव एक नर्सिंग होम चला रहा था। दोनों में पुरानी दुश्मनी थी। अवधेश गोली मारने आया था, लेकिन गोली वहां से गुजर रहे दूधिया को लग गई।"
पुलिस ने पंचनामा कर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है, और FIR दर्ज कर आरोपी की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है।
सवाल अभी भी बाकी हैं...
क्या अवधेश अकेला था या साजिश में और लोग शामिल हैं?
सेवा नर्सिंग होम पर पहले भी क्यों उठे हैं सवाल?
क्यों प्रशासन समय रहते कोई कदम नहीं उठाता?
आखिर सरेआम हत्या की इतनी हिम्मत क्यों और कैसे हुई?
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