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जब प्यार बना कातिल: दिव्यांग प्रेमी संग पत्नी ने रची साजिश, शराब पिलाकर पति की ली जान

राजस्थान के नसीराबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पत्नी ने अपने दिव्यांग प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। पूरी कहानी में हैरान कर देने वाला ट्विस्ट, जानिए पूरा मामला।



"कभी प्रेम कहानी थी, अब मर्डर मिस्ट्री बन गई... दिव्यांग प्रेमी, शराब और कत्ल की कहानी जिसने राजस्थान को हिला दिया!”

"न लव स्टोरी थी, न फैमिली ड्रामा... ये एक ऐसा रिश्ता था, जो कत्ल की साजिश में बदल गया!"

राजस्थान के अजमेर जिले से एक ऐसी खौफनाक कहानी सामने आई है, जिसने एक बार फिर रिश्तों की बुनियाद को झकझोर दिया है। नसीराबाद कस्बे में एक पत्नी ने अपने दिव्यांग प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की बेरहमी से हत्या कर दी…और ये सब हुआ बड़ी ही ठंडी चाल के तहत।


सबकुछ पहले से तय था...


जिस रात शहर की गलियों में लोग चैन की नींद सो रहे थे, उसी रात तीन ज़िंदगियों की तकदीरें उलट रही थीं। एक ओर पत्नी जनता, जो पिछले एक साल से अपने दिव्यांग प्रेमी बशीर से चोरी-छिपे मिलती रही, और दूसरी ओर उसका पति मस्तान, जो शायद अपनी दुनिया में बेखबर था।

पर यह कोई आम प्रेम कहानी नहीं थी। इसमें था धोखा, साजिश, शराब और अंत में... मौत!


शराब में बहा दी ज़िंदगी


7 अप्रैल की शाम, मजदूरी करके थका-हारा मस्तान घर लौटता है। तभी पत्नी जनता उसे बहला-फुसलाकर कहती है कि एक दोस्त (बशीर) ने पैसे देने हैं, चलो मिलते हैं। बशीर, जो पहले ही प्लान बना चुका था, दोनों को लेकर एक वीरान खंडहर में जाता है। वहां पहले तो तीनों बैठते हैं, शराब खुलती है, ठहाके लगते हैं।


जैसे ही मस्तान नशे में डूबता है, बशीर अपनी जेब से छुरी निकालता है... और एक ही वार में गला काटकर उसकी जान ले लेता है।


साजिश रची गई थी क़दम-क़दम पर


हत्या करने के बाद दोनों स्कूटी पर सवार होकर मौके से फरार हो जाते हैं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।


जनता ने पहले ही पुलिस को गुमराह करने के लिए एक और चाल चली थी। उसने पहले से अपने गांव के एक युवक रंजीत के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया था ताकि जब मर्डर हो, तो शक उसी पर जाए। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।


पुलिस ने साजिश को पल भर में समझा


8 अप्रैल की सुबह एक लाश मिलने की सूचना मिलती है। पुलिस मौके पर पहुंचती है और शव की पहचान मस्तान के रूप में होती है। शक के घेरे में आए रंजीत को जब बुलाया गया, तो कहानी में कई छेद नजर आए।


चार टीमों ने जांच शुरू की, और मोबाइल लोकेशन व CCTV की मदद से जनता और बशीर को स्कूटी समेत धर दबोचा गया।


'वो दिव्यांग था, लेकिन नीयत से नहीं...'


पुलिस की माने तो बशीर अपनी कमजोरी की वजह से हत्या करने में हिचकिचा रहा था, लेकिन पत्नी जनता ने उसे समझाया कि शराब पिलाकर हत्या करोगे तो आसान होगा। और यही स्क्रिप्ट उन्होंने हकीकत में उतार दी।


रिश्तों का कब कौन-सा चेहरा सामने आ जाए, कोई नहीं जानता...


जिस प्रेम ने शुरू में दोनों को मिलाया, वही प्रेम एक निर्दोष की जान लेकर समाज के सामने कटघरे में खड़ा हो गया। सवाल ये नहीं कि कौन दोषी था..बल्कि ये कि प्यार के नाम पर कोई किस हद तक गिर सकता है?

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