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मुस्लिम युवती ने मंदिर में लिए सात फेरे, धर्म परिवर्तन कर बनी सोनम, कहा- ऐसा स्वागत कहीं नहीं देखा

खीरी की मुस्लिम युवती ने हिंदू ब्वॉयफ्रेंड संग मंदिर में विवाह कर लिया। नाम बदला, धर्म बदला और जीवन के नए अध्याय में कदम रखा। जानें पूरी प्रेम कहानी।



"सुर्ख जोड़े में मंदिर पहुंची मुस्लिम युवती, लिया सनातन धर्म, फिर लिए सात फेरे – बोली, 'ऐसा स्वागत तो कभी देखा ही नहीं'"

नागेंद्र प्रताप शुक्ला 

खीरी/लखीमपुर। मोहब्बत अगर सच्ची हो, तो मजहब की दीवारें भी मिट जाती हैं। ऐसा ही एक दृश्य उस वक्त देखने को मिला जब एक मुस्लिम युवती ने लाल जोड़ा पहनकर मंदिर में प्रवेश किया, सिर पर पल्लू, हाथों में चूड़ियां और दिल में एक नए जीवन की उम्मीद लिए उसने अपने हिंदू प्रेमी संग सात फेरे लिए।


मंदिर परिसर इस प्रेम कहानी का गवाह बना, जहां न सिर्फ विवाह के मंत्र गूंजे, बल्कि धर्म और परंपरा के बीच सच्चे प्रेम की विजय का उत्सव भी मनाया गया।



निजहत से सोनम बनी दुल्हन, कहा : "अब मिला सुकून"


खीरी जिले के ईसानगर क्षेत्र से आई ये प्रेम कहानी आम नहीं है। खमरिया कस्बे की निजहत और पैकरपुर गांव के हिमांशु भार्गव एक-दूसरे से प्यार करते थे। पहले उन्होंने कोर्ट मैरिज की, लेकिन युवती चाहती थी कि वो अपने नए जीवन की शुरुआत पूरी रीति-रिवाज से, सार्वजनिक रूप से करे।


इसलिए दोनों परिवारों की रजामंदी से लखीमपुर शहर के फॉरेस्ट कॉलोनी स्थित मंदिर में वैवाहिक आयोजन रखा गया।


मंदिर में पहुंचते ही निजहत ने विधिपूर्वक सनातन धर्म स्वीकार किया और अपना नाम बदलकर सोनम रख लिया। इसके बाद आचार्य ने मंत्रोच्चारण के साथ पूरे वैदिक विधानों से उनका विवाह संपन्न कराया।


परिवारों ने मिलकर लुटाया प्यार, बहू के स्वागत में छलका अपनापन


शादी के बाद जब दुल्हन बनी सोनम अपने ससुराल पैकरपुर पहुंची, तो वहां का नज़ारा देखने लायक था। हर किसी ने बहू की तरह नहीं, बेटी की तरह स्वागत किया। आरती उतारी गई, मिठाइयां बांटी गईं और ढोल-नगाड़ों के बीच रिश्तों का ये अनोखा संगम अमर हो गया।


भावुक सोनम ने कहा: "जिस प्यार और इज्जत से मुझे अपनाया गया है, वैसा तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। ये सुख, ये सम्मान उस मजहब में कहां।"


एक नजर में प्रेम विवाह की ये कहानी

लड़की का पूर्व नाम: निजहत

नया नाम: सोनम (धर्म परिवर्तन के बाद)

लड़के का नाम: हिमांशु भार्गव

गांव: खमरिया (लड़की) और पैकरपुर (लड़का)

विवाह स्थल: फॉरेस्ट कॉलोनी मंदिर, लखीमपुर

विवाह विधि: हिंदू रीति-रिवाज, दोनों परिवारों की उपस्थिति में

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