Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

मनकापुर गोंडा मार्ग पर दिल दहला देने वाला सड़क हादसा: मां-बेटे को रौंदता चला गया ट्रैक्टर, एसडीएम बने फरिश्ता!

गोंडा के वीरेपुर में एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने सड़क किनारे बैठी मां-बेटे को कुचल दिया। लहूलुहान हालत में थे दोनों, एसडीएम ने बचाई जान। अस्पताल में नहीं था डॉक्टर…जानिए पूरी घटना।



जब दर्द सड़क पर बिखरा था... और एक अफसर फरिश्ता बन गया!

गोंडा के मनकापुर-कहोबा मार्ग पर शनिवार दोपहर एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने राह चलते इंसानियत को झकझोर दिया। एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रैक्टर, सड़क किनारे साधन का इंतजार कर रहे मां-बेटे रौंद दिया, फिर... सड़क पर पसरा खून, चीखती एक मां, बेहोश होता एक मासूम बच्चा! पर इस भीड़, भागमभाग और अफरातफरी के बीच एक उम्मीद की किरण बनी एक सरकारी गाड़ी… और उसमें सवार एक अफसर, जिसने अपने कार्य को फर्ज़ में बदल दिया।

"उठ जा राजा बेटा उठो ना…": ट्रैक्टर ने रौंद दिया जीवन

वीरेपुर गांव, थाना मोतीगंज। गन्ना क्रशर पर मजदूरी करके लौट रही 25 वर्षीय गीता देवी अपने 5 साल के बेटे राजा के साथ बस के इंतजार में सड़क किनारे बैठी थीं। तभी एक ट्रैक्टर, जिसकी रफ्तार जैसे रेस में हो, बेकाबू हो गया और सीधा मां-बेटे को कुचलता चला गया। लोग चीखने लगे, कुछ दौड़े, पर मां बेटे लहूलुहान हालत में वहीं पड़े रहे, दम तोड़ती उम्मीदों के साथ।

मंजर बदला, जब समय ने भेजा 'अवनीश त्रिपाठी' नाम का फरिश्ता

उसी रास्ते से गुजर रहे मनकापुर के उप जिलाधिकारी अवनीश त्रिपाठी, जो जिला मुख्यालय जा रहे थे, की नजर सड़क पर पड़े उस दर्दनाक दृश्य पर पड़ी। बिना देर किए उन्होंने सरकारी गाड़ी रुकवाई और मां-बेटे को अपनी गोद में उठाकर खुद अस्पताल ले गए—काजी देवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। लेकिन वहां एक और झटका उनका इंतजार कर रहा था...

अस्पताल पहुंचने पर दूसरा झटका "यहां कोई डॉक्टर नहीं है!"

जब एसडीएम गीता और राजा को लेकर अस्पताल पहुंचे, तो वहां डॉक्टर नदारद थे। एक फार्मासिस्ट ही था, जिसने प्राथमिक जांच कर दोनों को तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सवाल ये उठता है, अगर वहां एसडीएम नहीं होते, तो क्या होता इन दोनों का? उपजिलधिकारी अवनीश त्रिपाठी ने इस लापरवाही की सूचना तत्काल डीएम को देने की बात कही।

ट्रैक्टर चालक को पकड़वाया गया 

इस हादसे के बाद जहां एक तरफ दर्द और अफरा-तफरी का माहौल था, वहीं एसडीएम के निर्देश पर चौकी इंचार्ज वीरेंद्र शुक्ला ने फरार हो रहे ट्रैक्टर चालक रिंकू बिहारी को काहोबा चौकी से पहले ही धर दबोचा। ट्रैक्टर समेत उसे हिरासत में ले लिया गया।

शब्दों में नहीं बयां हो सकता ये दर्द

अजय सिंह, जो शाहजहांपुर जनपद के खुटार थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं, रोज़ी-रोटी के लिए गोंडा आए थे। सोचते थे गन्ना क्रशर पर मेहनत कर कुछ कमा लेंगे। पर शायद किस्मत ने उनके लिए दर्द की दास्तान लिख दी थी। पत्नी और बेटा दोनों अस्पताल में जूझ रहे हैं… और वो बस यही कह पा रहे हैं, "काश… थोड़ा देर से निकलते होते!"

इस हादसे ने एक तरफ अस्पताल में डॉक्टर न होने की लापरवाही उजागर कर दी, वहीं एसडीएम अवनीश त्रिपाठी जैसे अफसरों ने दिखाया कि इंसानियत अभी जिंदा है।


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे