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प्यार मौत बलिदान! आखिर क्या है सच? बबलू ने पत्नी को कर दिया प्रेमी के हवाले, सोशल मीडिया पर कहीं जा रही है हैरानी भरी बात…!



उत्तर प्रदेश की तीन अलग-अलग घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया, तीनों घटनाएं कोई सामान्य नहीं थी। दो पत्नियों ने अपने पतियों को प्रेमी संग मिलकर मौत के घाट उतार दिया, वही एक पति ने अपनी पत्नी को प्रेमी के हवाले कर दिया। पहली नज़र में यह तीनों घटनाएँ अलग लग सकती हैं, लेकिन इनके बीच का एक ऐसा अदृश्य धागा जो इंसानी फितरत और भय की गहरी परतें खोलता है। इन घटनाओं के बीच "नीला ड्रम" एक अजीबोगरीब किरदार बनकर उभरा, जो मौत की मूक गवाही देता हुआ नजर आया, जिसने लोगों को इतना डरा दिया कि वे इसे अपने घरों से निकाल फेंकने लगे।

इधर बेवफाई उधर बलिदान: मेरठ में मर्चेंट नेवी अफसर सौरभ कुमार अपनी पत्नी मुस्कान के जन्मदिन का तोहफा लेकर लौटा था, लेकिन उसे जरा भी अंदाजा भी नहीं था कि मुस्कान ने उसके लिए मौत का तोहफा तैयार कर रखा है। उसने आशिक मोहित के मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया, दोनों ने मिलकर लाश के टुकड़े किए, फिर नीले ड्रम में भर कर सीमेंट से सील कर दिया, जिससे सौरभ की कहानी हमेशा के लिए दफन हो जाए। उधर औरैया में भी कुछ ऐसा ही हुआ। शादी के महज 15 दिन बाद प्रगति ने अपने प्रेमी अनुराग के साथ मिलकर अपने पति दिलीप को मरवा दिया, प्रगति मुस्कान से भी चार कदम आगे निकली, मुस्कान पति से दूर रहते हुए प्रेमी के आकर्षण में आ गई थी, लेकिन प्रगति पति की होने से पहले ही प्रेमी की थी, वह पति की कभी होना ही नहीं चाहती थी, शादी के महज 15 दिनों में ही पति को ठिकाने लगाने का साजिश रच दिया, क्योंकि वह उनके प्यार के रास्ते का रोड़ा बन गया था।

लेकिन ठीक इन्हीं घटनाओं के बीच संतकबीरनगर में एक अलग ही कहानी सामने आई है। यहां बबलू नामक युवक ने अपनी पत्नी राधिका को रंगे हाथों उसके प्रेमी विकास के साथ पकड़ लिया था। यही वो ही लम्हा था, जहाँ से कहानी किसी और दिशा में जा सकती थी, यहां बबलू ने गुस्से में आकर निर्णय नहीं लिया, बल्कि उसने ठंडे दिमाग से सोचा, फिर बबलू ने जो किया उससे पत्नी ही नहीं बल्कि हर कोई हैरान रह गया।

बलिदान या खौफ: बबलू ने समाज के सामने पत्नी की बेवफाई उजागर करके उसके प्रेमी के साथ शादी करने की इजाजत दे दी। गांव वालों की मौजूदगी में मंदिर में शादी करवाई, अपनी पत्नी को आशीर्वाद दिया और खुद पीछे हट गया। लोग इस फैसले को उसकी महानता, प्रेम का त्याग और इंसानियत कह रहे थे, लेकिन सोशल पर इसे कुछ इस नजरिए से देखा जा रहा है कि क्या सच में यह प्रेम का बलिदान था? या फिर बबलू को सौरभ और दिलीप के साथ हुए अंजाम का खौफ था? कहीं ऐसा तो नहीं कि बबलू ने बीते दो घटनाओं से सबक लिया था, जहां एक पत्नी ने पति को मारकर ड्रम में ठिकाने लगा दिया, तो वही 15 दिन की दुल्हन ने मुंह दिखाई के रकम से पति के हत्या की सुपारी दे दी। क्या बबलू का फैसला डर के साए में लिया गया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि बबलू सौरभ और दिलीप के साथ हुए अंजाम को सोचकर डर रहा था? हालांकि यह तो बबलू ही बता पाएगा, लेकिन बबलू के इस फैसले को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मेरठ और औरैया की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।

नीला ड्रम मौत की पहचान: सोशल मीडिया में देखा जाए तो मेरठ की घटना के बाद से नीला ड्रम लोगों में दहशत का पर्याय बन गया है। जैसा कि लोग नीले ड्रम को पानी और अनाज रखने का साधन मानते थे, लेकिन अब नीले ड्रम के नाम से लोग कांपने लगे हैं, ऑनलाइन मार्केट में नीले ड्रम की कीमत में भी गिरावट देखने को मिली है। सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया जा रहा है कि लोग कबाड़ वालों के पास नीले ड्रम को बेच रहे हैं। सोशल पर यह भी दावा किया गया है कि लोगों ने अपने घरों से निकाल कर ड्रम को नाले में फेंक दिया है।

सोशल पर बड़ा प्रश्न: बबलू का लिया गया फैसला समाज में मिसाल बनकर सामने आया है लेकिन, सोशल मीडिया पर सवाल अब भी जिंदा है, लोगों का कहना है कि क्या वाकई बबलू ने पत्नी की खुशी के लिए यह कदम उठाया? या फिर दो हत्याओं की गूंज उसके भी कानों में पड़ी और अपनी जान बचाने के लिए पत्नी को प्रेमी के हवाले कर दिया? लोगों का मानना है कि कभी-कभी कुछ फैसले ऐसे भी लिए जाते हैं जो महानता के लिए नहीं बल्कि डर की पराकाष्ठा के होते हैं, बबलू का लिया गया यह फैसला किस श्रेणी में आता है, इसका सच बबलू की अंतरात्मा ही जानती होगी या फिर आने वाला कल बताया!


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