बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई गांव में 17 वर्षीय आदर्श उपाध्याय की मौत ने पूरे जिले में सनसनी मचा दी। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने थाने में बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे आदर्श की जान चली गई। घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे।
मामले की जानकारी मिलने पर भाजपा नेताओं के धरना प्रदर्शन और विरोध के बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की गई।
जानिए क्या हुआ था?: प्राप्त जानकारी के मुताबिक 24 मार्च को आदर्श उपाध्याय गांव में गाय चरा रहा था। इसी दौरान गांव के अशोक गुप्ता से उसकी कहासुनी हो गई। दोनों में बात इतनी बढ़ गई कि आदर्श ने गुस्से में अशोक को थप्पड़ जड़ दिया। नाराज अशोक ने तुरंत डायल 112 पर कॉल कर पुलिस बुला ली। जिसके बाद आदर्श को पुलिस अपने साथ थाने ले गई। परिजनों का आरोप है कि युवक को छोड़ने के बदले पुलिस ने 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, लेकिन परिवार पैसा नहीं दे पाया, तो पुलिस ने आदर्श को हिरासत में रख लिया।
दूसरे दिन थाने से लौटा, चली गई जान: 25 मार्च की शाम को पुलिस ने आदर्श को घर भेज दिया, लेकिन वह बेहद कमजोर और चोटों से घायल लग रहा था। आरोप है कि घर पहुंचते ही उसने खून की उल्टियां शुरू कर दीं। घबराए परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन इलाज से पहले ही रास्ते में आदर्श की मौत हो गई।
पिटाई से मौत का आरोप: मामले में परिजनों ने पुलिस पर थाने में बर्बर पिटाई का आरोप लगाया, उन्होंने शव को अस्पताल से ले जाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
जनप्रतिनिधियों का दबाव: इस भयावह घटना के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बीजेपी नेताओं का देर रात तक धरना जारी रहा, न्याय की मांग को लेकर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया।
आखिरकार झुका प्रशासन : मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए एसपी ने दुबौलिया थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। दो पुलिसकर्मियों सिपाही शिवम सिंह और दरोगा अजय गौड़ को सस्पेंड कर दिया गया।
बोले एएसपी: मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि परिजनों के आरोपों के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से शव को पैनल एवं फोटोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के वास्तविक कारण का पता नहीं चल सका है, मृतक का बिसरा संग्रहित किया गया है। प्रकरण के गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है, दरोगा अजय कुमार गौड़ और आरक्षी शिवम सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
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