अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कॉलेज बलरामपुर सभागार में "महाकुम्भ 2025 का अवदान" विषय पर आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का विधिवत समापन मंगलवार की देर शाम को हुआ। संगोष्ठी में जल ही जीवन है की संकल्पना के साथ साथ महाकुम्भ की महत्ता पर प्रकाश डाला गया।
मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के कुलपति प्रो0 रवि शंकर सिंह एवं एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के प्राचार्य प्रो जे पी पाण्डेय के संयुक्त निर्देशन में आयोजित संगोष्ठी के द्वितीय तकनीकी सत्र में उपस्थित शोधार्थियों को आभासी मोड पर सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रो0 श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि सनातन परंपरा के शीर्ष आयोजनों में महाकुंभ एक प्रमुख है। कुम्भ में ज्ञान की प्राप्ति होती है और ज्ञान मोक्ष की ओर ले जाता है। महाकुंभ समरस समाज के संदेश के साथ ही साथ शांति व अहिंसा का प्रतीक है। उन्होंने जल ही जीवन की संकल्पना के साथ महाकुंभ के वैश्विक परिदृश्य पर प्रकाश डाला। मुख्य नियंता प्रो0 राघवेंद्र सिंह ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सरंक्षित और प्रचारित करने का एक प्रभावी माध्यम है। संगोष्ठी के समन्वयक प्रो0 प्रकाश चन्द्र गिरी ने महाकुंभ की महत्ता पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ सुनील मिश्र ने भी महाकुंभ की पौराणिक महत्व पर प्रकाश डाला। संयुक्त आयोजन सचिव डॉ बीएल गुप्त ने सेमिनार की आख्या प्रस्तुत की। सह संयोजक डॉ दिनेश कुमार मौर्य,आयोजन सचिव डॉ ऋषि रंजन पाण्डेय,संयुक्त आयोजन सचिव डॉ स्वदेश भट्ट व डॉ जितेन्द्र कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया जबकि आयोजन सचिव डॉ प्रखर त्रिपाठी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी का सफल संचालन महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर व संगोष्ठी के समन्वयक समिति लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने किया। इस अवसर पर प्रो0 वीणा सिंह, प्रो0 विमल प्रकाश वर्मा, प्रो0 अशोक कुमार, डॉ तारिक कबीर, डॉ राजीव रंजन, डॉ आलोक शुक्ल,डॉ एस के त्रिपाठी, डॉ अजहरुद्दीन,डॉ सुनील शुक्ल, डॉ के के सिंह, डॉ कृतिका तिवारी, डॉ वंदना सिंह,डॉ अभिषेक सिंह,डॉ मसूद मुराद, डॉ आनंद वाजपेयी ,डॉ विशाल गुप्त व श्रीनारायण सिंह सहित सभी शिक्षक मौजूद रहे।
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