अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में रविवार को उतरौला बाजार स्थित टाइनी टॉट्स इंटर कॉलेज में सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित हैप्पी क्लासरूम टीचर्स ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर क्षेत्र के प्रमुख शिक्षाविद और शिक्षक एकत्रित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन सर्वप्रथम विद्या की देवी, मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से किया गया ।
जानकारी के अनुसार 23 मार्च को आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में विशिष्ट अतिथियों के रूप में विनोद कुमार तिवारी, प्रधानाचार्य सेठ एम आर जयपुरिया स्कूल, डॉक्टर दिनेश प्रताप सिंह, प्रधानाचार्य स्कॉलर्स अकैडमी महाराजगंज, और सैफ अली, डायरेक्टर टाइनी टॉट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल उतरौला ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। इसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें अंग वस्त्र प्रदान किए। इस दौरान, विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली ने डॉक्टर एमपी तिवारी, डायरेक्टर पायनियर पब्लिक स्कूल बलरामपुर, मोहम्मद असीम रोमी, प्रधानाचार्य सेंट जेवियर्स इंटर कॉलेज बलरामपुर, और डी पी सिंह, प्रधानाचार्य आदि शक्ति मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल तुलसीपुर बलरामपुर को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के मुख्य विषयों पर चर्चा करते हुए ट्रेनर्स विनोद कुमार तिवारी और डॉक्टर दिनेश प्रताप सिंह ने "खुशहाल कक्षा" के निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सकारात्मक शिक्षण वातावरण, आत्म-जागरूकता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, और सकारात्मक अनुशासन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, माइंड फुलनेस और तनाव प्रबंधन जैसी तकनीकों को भी शिक्षकों के दैनिक जीवन में शामिल किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि कक्षा में आत्मविश्वास और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए रोचक और रचनात्मक शिक्षण विधियां अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा, छात्र-छात्राओं के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने और उनके संघर्षों का सकारात्मक समाधान ढूंढने के तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान बलरामपुर जिले के सभी सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक उपस्थित थे, जिन्होंने प्रशिक्षण से संबंधित प्रमुख बिंदुओं पर गहन विचार विमर्श किया और इसे अपने कक्षा में लागू करने के लिए कार्ययोजना बनाई। यह आयोजन न केवल शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण अवसर था, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में खुशी और सकारात्मकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी साबित हुआ।
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