अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में सीधे साधे व अनपढ़ बुजुर्ग ग्रामीण को सरकारी गृह निर्माण हेतु लोन दिलाने के बहाने उसकी कीमती जमीन (3 बीघा 04 विस्वा सर्किल रेट 10 लाख 11 हजार रुपया) को 02 लाख देकर छलपूर्वक अनुबंद्ध करा लेने तथा धमकी देकर उसी दिन एक लाख रुपया भी विक्रेता से वापस ले लेने वाले गैंग के 04 शातिर अभियुक्तों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है ।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने 11 मार्च को बताया कि पीड़ित राम कृपाल उर्फ ननकू पुत्र फागू नि0 केराडीह थाना रेहरा बाजार जनपद बलरामपुर द्वारा थाना रेहरा बाजार पर तहरीर देकर सूचना दिया कि आरोपी द्वारा ऋण दिलाने के नाम पर 01 लाख रुपया ले लेना व धोखाधड़ी कपटपूर्वक पीड़ित की जमीन गाटा संख्या 234/0.02590 (3 बीघा 04 विस्वा सर्किल रेट 10 लाख 11 हजार रुपया) की 02 लाख रु0 देकर रजिस्ट्री अनुबंद्ध पत्र करा लेना व धमकी देकर पुनः 1 लाख रुपया वापस ले लेने के संबंध में थाना रेहरा बाजार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था । बताते चलें कि पुलिस अधीक्षक विकास कुमार द्वारा जमीन की हुई जालसाजी की घटना के अनावरण हेतु दिये गये सख्त निर्देश के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी नम्रिता श्रीवास्तव व क्षेत्राधिकारी उतरौला राघवेन्द्र सिंह के पर्यवेक्षण में तथा प्रभारी थाना रेहरा बाजार के नेतृत्व मे संबंधित मुकदमा में अभियुक्तों कृष्णमोहन पाण्डेय उर्फ चिन्ता राम पाण्डेय पुत्र बासुदेव पाण्डेय नि0 ग्राम केराडीह जनपद बलरामपुर, विनय चतुर्वेदी पुत्र राज किशोर नि0 ग्राम रेहरा थाना रेहरा बाजार जनपद बलरामपुर, प्रहलाद वर्मा पुत्र बल्लू लाल नि0 देवारी खेरा थाना रेहरा बाजार जनपद बलरामपुर तथा प्रकाश में अभियुक्त तथा अरुन यादव पुत्र हृदय राम नि0 ग्राम बसावन बनटक थाना रेहरा बाजार बलरामपुर को कटरा बाजार जनपद श्रावस्ती से गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना किया गया । पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों से गहन पूछताछ करने पर बताया कि हम लोगो ने रामकृपाल उर्फ ननकू को सरकारी ऋण दिलाने के नाम पर उनकी कीमती जमीन धोखे से रजिस्ट्री अनुबंद्ध पत्र करा लिये थे और कुछ दिन बाद जमीन पर कब्जा कर लिये थे और रामकृपाल उर्फ ननके को मारकर कुआनों नदी में फेंक देने की धमकी देते हुए उसी दिन बैंक ले जाकर एक लाख रुपये भी वापस ले लिया था । गिरफ्तारी कर्ता टीम में अ0नि0 अशोक सिंह, व0उ0नि0 शिवलखन सिंह, उनि0श्री गुलाब यादव, हे0का0 झिनकू यादव तथा का0 शिवकरन यादव शामिल थे ।
ऐसी घटनाओं में रजिस्ट्रार की भूमिका संदिग्ध !
जनपद में फर्जी बैनामा, फर्जी वसीयत तथा फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड अनुबंध करने की घटनाएं आम होती जा रही हैं । सीधे साधे लोग इन शातिर लोगों के चक्कर में फंस रहे हैं । जानकारों को जमीनी मामले में लेनदेन एग्रीमेंट के लिए रजिस्ट्री ऑफिस सरकार द्वारा खोले गए हैं जहां पर राज पब्लिक अधिकारी की नियुक्ति की जाती है । रजिस्ट्रार के नाम से नियुक्त यह अधिकारी धोखाधड़ी रोकने की अहम कड़ी है । तमाम छानबीन के उपरांत जमीन की रजिस्ट्री अथवा रजिस्टर्ड वसीयत या रजिस्टर्ड अनुबंध पत्र तैयार किए जाते हैं । जिसके लिए निर्धारित सरकारी फीस भी स्टांप के रूप में लगाए जाते हैं । अब सवाल यह है कि फर्जी बैनामा, फर्जी रजिस्टर्ड वसीयत अथवा फर्जी रजिस्टर्ड अनुबंध कैसे बन जा रहे हैं ? इस पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है ? इसके लिए जिम्मेदार विभाग की जवाबदेही तय होनी चाहिए ।
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