नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश किया है। सेक्टर 105 में एक घर को हाई-टेक पोर्न स्टूडियो में तब्दील कर दिया गया था, जहां से लाइव पॉर्न स्ट्रीमिंग और वीडियो शूट किए जाते थे। इस गुप्त धंधे का संचालन उज्ज्वल किशोर और नीलू श्रीवास्तव कर रहे थे, जो साइप्रस की कंपनी Technius Limited के लिए काम कर रहे थे।
कैसे चलता था यह गंदा कारोबार?
जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह सोशल मीडिया और विज्ञापनों के जरिए मॉडल्स को आकर्षित करता था। मॉडलिंग की दुनिया में करियर बनाने का सपना दिखाकर उन्हें इस कारोबार में धकेला जाता था। यहां हाई-टेक कैमरों के जरिए लाइव पॉर्न स्ट्रीमिंग करवाई जाती थी और वीडियो विदेशों में बेचे जाते थे।
ED की छापेमारी और चौंकाने वाला खुलासा
जांच के दौरान ED ने 15.66 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी फंडिंग का खुलासा किया है। यह पैसा फर्जी कोड्स और इंटरनेशनल डेबिट कार्ड्स के जरिए भारत लाया जाता था। गिरोह की कमाई का 75% हिस्सा कपल के पास जाता था, जबकि मॉडल्स को सिर्फ 25% दिया जाता था।
घर के अंदर बना था हाई-टेक स्टूडियो
ED की टीम जब छापेमारी के लिए पहुंची, तो अंदर का नज़ारा देख हैरान रह गई। पूरा घर एक प्रोफेशनल स्टूडियो में बदला हुआ था, जहां हाई-एंड कैमरे, ग्रीन स्क्रीन और एडवांस्ड स्ट्रीमिंग सेटअप लगे हुए थे। यह स्टूडियो Subdigi Ventures Pvt. Ltd. नामक कंपनी के नाम पर चलाया जा रहा था, लेकिन असल में यह सिर्फ एक मुखौटा था।
सोशल मीडिया के जरिए होती थी भर्तियां
इस गैंग का मुख्य तरीका था सोशल मीडिया और कुछ अन्य वेबसाइट्स पर विज्ञापन देना। इच्छुक मॉडल्स से संपर्क किया जाता था और उन्हें मोटी कमाई का लालच देकर इस गंदे धंधे में धकेला जाता था।
मॉडल्स के बयान दर्ज, गिरफ्तारियां संभव
छापेमारी के दौरान मौके पर मौजूद मॉडल्स के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। ED अब इस मामले में और भी गिरफ्तारियां कर सकती है। फिलहाल, उज्ज्वल किशोर और नीलू श्रीवास्तव से गहन पूछताछ जारी है।
क्या यह सिर्फ एक रैकेट या बड़ी साजिश?
ED इस बात की भी जांच कर रही है कि इस नेटवर्क के पीछे और कौन-कौन शामिल है। क्या यह सिर्फ एक छोटा गिरोह था या एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा?
इस घटना ने एक बार फिर से ऑनलाइन पोर्नोग्राफी के बढ़ते खतरे और इससे जुड़े गुप्त रैकेट्स पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नोएडा में पकड़ा गया यह मामला सिर्फ एक झलक हो सकता है—इस गंदे कारोबार की जड़ें और भी गहरी हो सकती हैं! जिसकी ईडी जांच कर रही है।
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