उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के छजलैट ब्लॉक में भाजपा सरकार के आठ साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में गुरुवार को अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। यहां मंच पर सुशासन की बात हो रही थी, लेकिन उसी मंच पर भाजपा के दो बड़े नेता आपस में भिड़ गए। मामला इतना तूल पकड़ा कि थप्पड़ों से लेकर कुर्सी और पानी की बोतल तक एक-दूसरे पर चला दी गई।
जानिए कैसे भड़की जंग?: कार्यक्रम में पूर्व विधायक राजेश कुमार सिंह उर्फ चुन्नू और ब्लॉक प्रमुख राजपाल सिंह आमंत्रित थे। भाजपा जिलाध्यक्ष आकाश पाल ने पूर्व विधायक को मुख्य अतिथि बनाया था, लेकिन जब पूर्व विधायक पहुंचे तो देखा कि ब्लॉक प्रमुख राजपाल सिंह पहले से ही मुख्य अतिथि की कुर्सी पर विराजमान थे। बस फिर क्या था!
वाक्य युद्ध से शुरुवात: पहले शब्दों के बाण चले, जिसके बाद मामला थप्पड़, धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया। मंच पर मौजूद अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन तब तक तमाशा पूरे उफान पर आ गया। इस दौरान किसी ने घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे यहां देख सकते है 👇
मुरादाबाद: ब्लॉक प्रमुख और पूर्व विधायक में मारपीट, राजपाल सिंह और राजेश कुमार सिंह में जमकर मारपीट, छजलैट ब्लॉक में मीटिंग के दौरान हुआ था दोनों में विवाद, एसडीएम और सीओ कांठ ने दोनों में बीच बचाव किया, दोनों में मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल। pic.twitter.com/JgSRVAaDvc
विवाद के बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार कर दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्लॉक प्रमुख राजपाल सिंह का कहना है कि पूर्व विधायक बिना बुलाए कार्यक्रम में पहुंचे थे, जब उन्होंने चीफ गेस्ट की कुर्सी पर बैठे देखा तो भड़क गए। "उन्होंने हमें समाजवादी पार्टी का आदमी कहकर अपशब्द बोले और गुंडों के साथ मारपीट करने लगे।
वही पूर्व विधायक राजेश कुमार सिंह चुन्नू ने पलटवार करते हुए कहा, "हमें ही मुख्य अतिथि बनाया गया था, लेकिन जब पहुंचे तो ब्लॉक प्रमुख हमारी कुर्सी पर बैठे मिले। जब हमने सवाल किया तो उन्होंने खुद को ब्लॉक का मालिक बताया। इतना ही नहीं, मेरे साथ आई भाजपा महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष को मंच पर चढ़ने से भी रोक दिया गया। यही विवाद का कारण बना।"
न कोई शिकायत न कार्यवाही: इस पूरे घटनाक्रम पर पुलिस भी असमंजस में है। मीडियो रिपोर्ट के अनुसार CO कांठ अपेक्षा निंबाड़िया ने कहा कि उन्हें अब तक किसी भी पक्ष से शिकायत नहीं मिली है। "अगर कोई तहरीर देगा, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।"
"सुशासन" के मंच पर "अधिपत्य" की लड़ाई:भाजपा के इस कार्यक्रम का उद्देश्य योगी सरकार के आठ साल के उपलब्धियों को बताना था, लेकिन मंच पर दो नेताओं की लड़ाई ने सारा फोकस कुर्सी की लड़ाई पर ला दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर लोग तंज कस रहे हैं "जब अपने ही नेता मंच पर 'सुशासन' की जगह 'हंगामा' करेंगे, तो जनता क्या सीखेगी?"
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ