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पांच शिक्षक गिरफ्तार, महकमे में मचा हड़कंप, अलग अलग परिषदीय विद्यालय में तैनात थे शिक्षक



उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में शिक्षा विभाग में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कूटरचित दस्तावेजों के जरिए 5 लोग भर्ती होकर शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे थे, पुलिस ने आरोपी पांच शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है। पूरी कार्रवाई डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया के निर्देशन में हुई है।

कैसे हुआ खुलासा?उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में जांच समिति गठित करके शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही थी, इस दौरान कई शिक्षकों के दस्तावेजों में फेंक शैक्षिक प्रमाण पत्र पाए गए, इन्हीं दस्तावेजों के जरिए बेसिक शिक्षा विभाग में पांच लोग नौकरी कर रहे थे। मामले में जांच पूरी होते ही 4 मार्च को बीएसए ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद 5 मार्च को आरोपी शिक्षकों के खिलाफ उनके संबंध थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी करके आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरफ्तार शिक्षक: गिरफ्तार किए गए शिक्षकों ने फेंक D.ED प्रमाण पत्र, फर्जी TET अंक पत्र लगा करके नौकरी हासिल की थी। 

कानपुर देहात जनपद के रहने वाले शिक्षक आलोक कुमार गुप्ता उर्फ किशन गुप्ता का फर्जी D.ED अंक पत्र पाया गया है। इनकी नियुक्ति वर्ष 2017 में सिरसिया के बल्दीडीह प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। शिक्षक को भिनगा उच्च प्राथमिक विद्यालय के सामने से गिरफ्तार किया गया है।

कानपुर नगर के रहने वाले प्रदीप कुमार का D.ED फर्जी अंक पत्र पाया गया, वर्ष 2017 से सिरसिया शिक्षा क्षेत्र के केशवपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। प्रदीप कुमार को उनके विद्यालय के गेट से गिरफ्तार किया गया है।

कानपुर देहात के रहने वाले शिक्षक जितेंद्र सिंह का D.ED सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया, सिरसिया शिक्षा क्षेत्र के कोयलाहवा प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2017 से तैनात थे। जितेंद्र को विद्यालय के मुख्य द्वार से गिरफ्तार किया गया है।

बस्ती जिले के रहने वाले उमेश कुमार मिश्रा का TET अंकपत्र फर्जी पाया गया, उमेश मिश्रा वर्ष 2013 में प्रा.वि. वैभी गिलौला में तैनात हुए थे, वर्तमान में हरिहरपुर रानी के असनहरिया के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे, विद्यालय के गेट से गिरफ्तार किए गए हैं। कानपुर देहात के रहने वाले शिक्षक सुशील कुमार का D.ED अंकपत्र फर्जी पाया गया, सुशील वर्ष 2017 से जमुनहा के प्राथमिक विद्यालय भवानीपुरवा में तैनात थे। इन्हें कटवा तिराहा के पास से गिरफ्तार किया गया है।

जारी रहेगी जांच: जांच टीम में अपर जिलाधिकारी अमरेंद्र कुमार वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव और बीएसए अजय कुमार शामिल थे। अधिकारियों का कहना है कि नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच जारी है, फर्जी तरीके से नियुक्ति पाए हुए फर्जी शिक्षकों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच करने के दौरान कोई भी शिक्षक फर्जी मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

शिक्षकों में हड़कम: परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की गिरफ्तारी से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, पुलिस पूरे गिरोह के नेटवर्क का पर्दाफाश करने में लगी हुई है। पुलिस यह तलाश कर रही है कि ऐसे फर्जी दस्तावेजों को बनाने में कौन-कौन लोग शामिल हैं।

बोले एसपी: मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फर्जी शिक्षकों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना किया गया है। जांच के दायरे में छ शिक्षक आए हैं, अभी 5 को गिरफ्तार किया गया है।

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