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तीन महीने पहले बना दरोगा, 3500 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, गिरफ्तारी का वीडियो वायरल



उत्तर प्रदेश के उन्नाव में विजिलेंस टीम ने पुलिस के छवि को दागदार कर रहे एक दरोगा को गिरफ्तार किया है। वर्दी पर स्टार लगे अभी महज 3 माह ही गुजरे थे, कि दरोगा ने रुपए के लालच में आकर तगड़ी कमाई शुरू कर दी। मामले में विजिलेंस टीम ने संयोजित तरीके से दरोगा को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया है। दरोगा को दबोचे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जिसे देखकर लोग कार्रवाई करने वाली टीम की सराहना कर रहे हैं।

दरअसल विजिलेंस टीम ने 3500 रुपए रिश्वत लेते हुए दरोगा को गिरफ्तार कर लिया है। दरोगा की गिरफ्तारी होने के बाद तत्काल उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी कर दी गई है। आरोपी दारोगा को गिरफ्तार कर टीम अपने साथ ले गई है।

न्याय दिलाने के बजाय मांगी रिश्वत: मामला कुछ यूं था कि मौरावां थाने में एक्सीडेंट से संबंधित एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक राजेंद्र सरोज कर रहे थे। दरोगा की जिम्मेदारी थी कि वे पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाएं, लेकिन दरोगा को रुपए कमाने का भूत सवार था। उन्होंने मामले को जड़ से समाप्त करने के लिए 3500 रुपए की डील कर डाली। तब पीड़ित ने दरोगा को एंटी करप्शन टीम के जाल में फंसा दिया।

जब एक्टिव हुई एंटी करप्शन टीम: शिकायतकर्ता के सूचना को गंभीरता से लेते हुए एंटी करप्शन टीम एक्टिव मोड में आ गई। टीम ने दरोगा को गिरफ्तार करने के लिए एक स्मार्ट प्लान तैयार किया। दरोगा को रिश्वत देने के लिए थाने के पास स्थित एक ढाबे पर चाय पीते पीते रिश्वत देने के लिए बुलाया गया, इस दौरान एंटी करप्शन टीम के लोग भी साथ-साथ चाय का चस्का लेने बैठ गए, जैसे ही दरोगा ने रिश्वत की रकम अपने हाथ में पकड़ी, एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने दरोगा को पकड़ लिया।

भरी भीड़ में हुई गिरफ्तारी: दरोगा जब 3500 रुपए की चाय चख रहे थे, तब वहां अन्य ग्राहकों की भी भारी भीड़ जमा थी, टीम ने दरोगा को जैसे ही गिरफ्तार किया, ढाबे पर मौजूद लोगों ने दरोगा का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर प्रवाहित कर दिया। जिसमें स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है कि दरोगा को कुछ लोग दबोचे हुए हैं, वह उनके चंगुल से मुक्त होने की कोशिश कर रहा है।

विभागीय कार्रवाई: रिश्वत लेने का मामला संज्ञान में आते ही उन्नाव पुलिस अधीक्षक दीपक भूखर में आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया है। वही मामले में आरोपी दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीकृत किया गया है।

3 महीने पहले बढ़ा था कद: बताया जाता है कि दरोगा राजेंद्र सरोज दीवान के पद पर तैनात थे, 3 महीने पहले दिसंबर माह में उन्हें पदोन्नति मिली थी। विभाग ने उन्हें स्टार लगाकर दरोगा के पद से गौरवान्वित किया था, लेकिन तीन महीने में ही दरोगा ने वर्दी को दागदार कर दिया।

देखिए वायरल वीडियो 👇 


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