अखिलेश्वर तिवारी
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक प्रेम कहानी जो शादी में बदल सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, यह एक खौफनाक हत्या के वारदात में तब्दील हो गई। इस घटना को ऐसे अंजाम दिया गया कि पुलिस को गुत्थी सुलझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, अंततः पुलिस ने अपने सूझबूझ और तकनीकी सहायता के बदौलत ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने में सफलता पाई, पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
शुक्रवार को थाना गौरा चौराहा पुलिस ने एक महिला के रहस्यमयी तरीके से मृत पाए जाने की गुत्थी को सुलझाते हुए तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने न सिर्फ हत्याकांड का पर्दाफाश किया, बल्कि हत्या में इस्तेमाल की गई कार और अन्य सबूत भी बरामद कर लिए हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
26 फरवरी 2025 की सुबह चौबेपुर नहर के पास एक अज्ञात महिला का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। पहले तो यह मामला सड़क हादसा माना जा रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महिला की हत्या गला घोंटकर की गई थी।
27 मार्च को मुखबिर से सूचना मिली कि महिला की हत्या में शामिल आरोपी एक वैगनआर कार से भानपुर की ओर आ रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को धर दबोचा। पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की साजिश और वारदात को अंजाम देने की पूरी कहानी बताई।
प्रेम-प्रसंग में मर्डर: गिरफ्तार आरोपी सुनील ठाकरे और मृतका शीलम के बीच करीब ढाई साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। सुनील पहले से शादीशुदा था और जब शीलम ने शादी के लिए दबाव बनाया, तो उसने अपने दो साथियों – गोपाल और जवाहर लाल के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बना डाली।
यूं रची गई खौफनाक साजिश:
25 फरवरी की रात सुनील ने शीलम को एक होटल में डिनर के लिए बुलाया। वहां से उसे गाड़ी में बैठाकर घुमाने के बहाने बाहर ले गया। जैसे ही मौका मिला, गोपाल ने बेल्ट से उसका गला कस दिया, जवाहर लाल ने हाथ पकड़ लिया और सुनील ने मुंह दबाकर उसे मार डाला। फिर शव को सड़क पर रखकर उस पर कार चढ़ा दी, जिससे पुलिस को यह एक हादसा लगे। इसके बाद, शीलम का मोबाइल दिल्ली जा रही ट्रेन में छोड़ दिया, जिससे लगे कि वह काम के लिए दिल्ली चली गई।
सबूत:पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई बेल्ट, स्टोल, चप्पल और वारदात में शामिल वैगनआर कार बरामद कर ली है। इस केस को सुलझाने वाली पुलिस टीम को ₹25,000 का इनाम दिया गया।
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