सुनील गिरि
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक अनोखी खबर देखने को मिली है, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दिया। 42 वर्षीय गुड़िया नाम की महिला ने अपने 14वें बच्चे को जन्म दिया, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि यह डिलीवरी अस्पताल के अन्दर नहीं, बल्कि एंबुलेंस में ही अस्पताल के दरवाजे पर हो गई!
एम्बुलेंस बनी डिलीवरी रूम, गेट पर गूंजी किलकारी
हापुड़ के पिलखुवा कस्बे के मोहल्ला बजरंगपुरी के रहने वाले इमामुद्दीन की पत्नी गुड़िया को गुरुवार शाम अचानक प्रसव पीड़ा हुई। घरवाले तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उन्हें पिलखुवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए, लेकिन वहां की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत उन्हें हापुड़ जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
रास्ते में दर्द बढ़ता गया और जैसे ही एंबुलेंस जिला अस्पताल के दरवाजे पर पहुंची, ठीक उसी समय गुड़िया ने एक प्यारी-सी बच्ची को जन्म दे दिया! मौके पर मौजूद चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने तुरंत उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाकर अस्पताल के आनंद ले लिया और डिलीवरी को सुरक्षित रूप से पूरा किया गया। अगले ही दिन सुबह जच्चा-बच्चा को स्वस्थ पाकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
14 बच्चों की मां बनीं गुड़िया: जैसे ही यह खबर इलाके में फैली, हर जगह इसी की चर्चा होने लगी। जब क्राइम जंक्शन की टीम गुड़िया के घर पहुंची, तो उनके 22 वर्षीय बेटे ने बताया कि नवजात बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है, और अब परिवार में कुल 11 भाई-बहन जीवित हैं, जबकि तीन बच्चों का पूर्व में निधन हो चुका है।
सीएमएस ने बताई पूरी कहानी: अस्पताल के सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) ने मीडिया से बातचीत में बताया, "गुड़िया को जब एंबुलेंस से लाया गया, तो दरवाजे पर पहुंचते ही उसकी डिलीवरी हो गई। हमारे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए मां और बच्चे की देखभाल की और अब दोनों सुरक्षित हैं।"
हापुड़ में 41 की उम्र 14वें बच्चे को महिला ने दिया जन्म pic.twitter.com/0jUkuySwvf
इलाके में चर्चा: 42 साल की उम्र में 14 बच्चों को जन्म देने वाली इस मां की कहानी ने लोगों को हैरान कर दिया है। कुछ लोग इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे हैं, तो कुछ इसे परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता की कमी का उदाहरण बता रहे हैं। फिलहाल, गुड़िया और उनकी नवजात बेटी पूरी तरह स्वस्थ हैं और परिवार में खुशी का माहौल है।
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