अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के दो दिवसीय दौरे पर जिले में आईं राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजू प्रजापति ने शुक्रवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान जिला अस्पताल महज चार डॉक्टरों के भरोसे चलता पाया गया। अधिकतर चिकित्सक छुट्टी पर थे। दो ऐसे डॉक्टरों के बारे में निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली, जो ज्वाइन करने के बाद ड्यूटी करने आए ही नहीं। किचन में गंदे बर्तन और प्रसव कक्ष में अनियमितताएं मिलने पर आयोग की सदस्या ने नाराजगी जताई। उन्होंने अस्पताल की गुणवत्ता को उच्च कोटि की बताते हुए साफ-सफाई की सराहना की।
14 फरवरी को राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजू प्रजापति सुबह दस बजे संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंची। सबसे पहले उन्होंने ओपीडी का निरीक्षण किया। इस दौरान बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन चौधरी, हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ रमेश पाण्डेय, चेस्ट फिजीशियन डॉ शिव पूजन सिंह ड्यूटी पर नहीं थे। उन्होंने जब इसके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि सभी चिकित्सक छुट्टी पर हैं। कई चिकित्सक एसआईटी की जांच में लखनऊ गए हुए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ राजेश कुमार चतुर्वेदी व अस्पताल क्वालिटी प्रबंधक डॉ रुचि पाण्डेय ने आयोग की सदस्या को चिकित्सालय की एक-एक व्यवस्थाओं की जानकारी दी। अस्पताल के सर्जन, फिजीशियन, आई सर्जन व एलएमओ मरीजों को चैम्बर में देख रहे थे। ओपीडी के बाद आयोग की सदस्या ने एक्स-रे एवं सीटी स्कैन सेंटर को भी देखा, उन्होंने यहां अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। प्रसव कक्ष में अनियमितताएं मिलने पर सिस्टर इंचार्ज को फटकार लगाई। कहा कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं रखी जाएं। अस्पताल के किचन में रखी थाली व बर्तन गंदे पाए गए, जिसको उन्होंने दोबारा धुलवाया। कहा कि मीनू के अनुसार मरीजों को गुणवत्ता परक खाना दिया जाए। उन्होंने अस्पताल की पैथॉलाजी व वार्डों का निरीक्षण कर मरीजों से बातचीत की। साथ ही अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया। कहा कि अस्पताल में बाहर की जांच व दवाएं न लिखी जाएं। मरीजों को किसी प्रकार की कठिनाई न होने पाए। निरीक्षण के दौरान स्वासाशी राज्य मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार चतुर्वेदी, क्वालिटी प्रबंधक डॉ रुचि पाण्डेय, सर्जन डॉ आरडी रमन, जिला प्रोवेशन अधिकारी सुशील सिंह सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।
महिला सर्जन सहित अन्य चिकित्सकों की उठी मांग
राज्य महिला आयोग की सदस्या को मेडिकल कॉलेज प्राचार्य व अस्पताल क्वालिटी प्रबंधक ने यह अवगत कराया कि अस्पताल में लम्बे समय से स्त्रीरोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के बारे में भी अवगत कराया गया, जिस पर उन्होंने शासन को भेजे गए पत्रों की कॉपी ली। कहा कि चिकित्सकों की तैनाती के लिए शासन स्तर से पैरवी की जाएगी। संसाधनों एवं मैन पॉवर को उपलब्ध कराने के लिए शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अस्पताल की गुणवत्ता व साफ-सफाई व्यवस्था की आयोग की सदस्या ने सराहना की।
ज्वाइन करने के बाद दो चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं आए
राज्य महिला आयोग की सदस्या ने जब अस्पताल के उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया तो पता चला कि हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ केके बर्नवाल व एनेस्थेटिक्स डॉ तेजवीर सिंह लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। पता चला कि यह लोग ज्वाइन करने के बाद ड्यूटी पर नहीं आए हैं। इनके विरुद्ध अब तक क्या कार्रवाई की गई है, इसके बारे में उन्होंने जानकारी हासिल की। कहा कि इन चिकित्सकों के बारे में शासन को अवगत कराया जाएगा। अस्पताल के एकमात्र हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ राकेश पाण्डेय का भी स्थानांतरण हो गया है। ऐसे में अस्पताल में अब हड्डी का कोई भी डॉक्टर नहीं है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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