उत्तर प्रदेश के बरेली में बेटे ने पिता के अवैध संबंधों के कारण रुपए देकर हत्या करवाने की साजिश रच दी, हमलावरों ने चाकू मार कर लहूलुहान कर दिया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
रविवार को सीबीगंज पुलिस ने घर ने पस्तौर गांव में रहने वाले लीलाधर के घर में घुसकर मारपीट करते हुए जान से करने की नीयत से चाकू से हमला करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की जांच में पूरे मामले का हैरानी भरा खुलासा हुआ है।
दरअसल 17 18 फरवरी की रात लगभग 1:30 बजे लीलाधर पुत्र रामलाल घायल अवस्था में सीबीगंज पुलिस में पहुंचकर मेडिकल परीक्षण की मांग करते हुए कहा कि लड़ाई झगड़े में चोट आई है। इस दौरान पीड़ित ने चाकू लगने की बात को छुपा लिया। पुलिस ने मेडिकल के लिए चिट्ठी जारी कर पीड़ित को अस्पताल भेज दिया।
मौसेरे भाई की शिकायत: दूसरे दिन पीड़ित के गांव में रहने वाले मौसेरे भाई नत्थू लाल ने स्थानीय पुलिस में शिकायती पत्र देते हुए कहा कि दो अज्ञात लोगों ने रात में घर में घुसकर मौसेरे भाई की हत्या करने की कोशिश की है। मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दिया।
देखने के कारण फंसा युवक: मामले में घायल लीलाधर के पुत्र राकेश ने शाम को स्थानीय पुलिस में सूचना देते हुए कहा कि उसके पिता लीलाधर से ज्ञात हुआ है कि गांव के रहने वाले राम सिंह उर्फ पप्पू ने चाकू मार कर जानलेवा हमला किया है। जिससे पुलिस ने पूछताछ के लिए पप्पू को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस को हमलावरों तक पहुंचने में देर ना लगी। पुलिस के पूछताछ में राम सिंह ने बताया कि वह अपने बाग में सोने जा रहा था तभी लीलाधर के कमरे से आवाज आ रही थी, इस दौरान वह मौके पर रुक गया, तभी दो लोग कमरे से निकलकर भाग निकले, जिन्हें हमने पहचान लिया था, खास बात यह रही कि घायल ने खुद हमलावर को पहचान लिया था, उसके बाद भी उन्होंने हमलावरों का नाम नहीं लिया, ऐसे में मैं दुश्मनी लेने से डर रहा था। हमलावर घायल के भतीजे राजेश और छोटे थे।
बेटे ने कराया हमला: पुलिस के पूछताछ में आरोपी राजेश व छोटे ने बताया कि लीलाधर रिश्ते में हमारे ताऊ लगते हैं, लीलाधर के पुत्र राकेश के साथ हमारे अच्छे सम्बन्ध हैं। ताऊ के पास खेती की जमीन है। 15-20 वर्षों से उनके करीबी सम्बन्ध अपने पडोस में ही एक महिला से थे। ताऊ एवं पड़ोस की महिला के सम्बन्धों से उन्हें एक पुत्र भी हैं। जिसकी चर्चा पूरे गांव में है। ताऊ महिला पर खूब खर्च करते है। ताऊ के पुत्र राकेश को ये बाते पहले से ही पता हैं, महिला एवं उनके परिवार पर किये खर्चों की जानकारी भी है। इसी बात को लेकर राकेश अपने पिता से पूर्व में कई बार झगड़ भी चुका था। अब महिला का पुत्र बड़ा हो रहा है तो राकेश को डर सताने लगा कि उसके पिता खेती की जमीन भी कहीं उस महिला के पुत्र के नाम न कर देंगे। जबकि राकेश इकलौता है। इसी आंशका को देखते हुये राकेश नें अपने पिता लीलाधर को मारने के लिये कहा जिसके लिए 30 हजार भी देनें की बात कही थी। हत्या को अंजाम देने के लिए हम तैयार हो गये थे। इस काम में हम दोनों (राजेश और छोटे) के मध्य यह तय हुआ था कि ताऊ लीलाधर की हत्या कर 15-15 हजार रूपये आपस मे बाँट लेगें। दोनों ताऊ की हत्या करने उनके कमरे में गये थे। हमारे पास 315 बोर का तमंचा व 2 कारतूस और चाकू था। मैनें जैसे ही अपने तमंचे से फायर करने के लिये ताऊ पर तमंचा लगाया तो ताऊ जाग गये, मेरा हाथ पकड़ लिया। छीनाछपटी में कट्टे से कारतूस निकलकर नीचे गिर गया, तो छोटे ने अपने चाकू से जानलेवा वार करना शुरु कर दिया। ताऊ के कमरे से निकलते ही सड़क पर राम सिह खड़े थे, जिन्होनें हम लोगो को देख लिया था।
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