बिहार के पूर्णिया जिले में पति के बंटवारे का अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है, यहां पति को दो पत्नियों में अनोखे अंदाज में बांटा गया है, इस दौरान पति के हिस्से में खुद के लिए एक इतवार आया है। इस इतवार का उपयोग पति अपने मन मुताबिक करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिसमें दोनों पत्नियों का कोई दखल नहीं होगा।
दरअसल मामला दो पत्नियों को लेकर जुड़ा हुआ है, दोनों पत्नियों के बीच पति के बंटवारे को लेकर गांव के लोगों ने रास्ता निकालने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद मामला स्थानीय पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा जहां दोनों पत्नियों के बीच सहमत बनी कि पति 3 दिन अपनी पहली पत्नी के पास रहेगा, अगले तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा, सप्ताह के 6 दिन बट जाने के बाद पति के हिस्से में अपना खुद का इकलौता इतवार आया है, इस इतवार को वह अपनी किसी पत्नी के साथ साझा कर सकता है। यह पति का अपना निर्णय होगा। जिस पर पुलिस के सामने पति ने भी सहमति प्रदान की है।
फिर जुड़े 14 जोड़े: दरअसल शुक्रवार को पति-पत्नी के बीच हुए मतभेद के बाबत पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में 14 मामलों का निपटारा किया गया है, आपसी मतभेद के कारण अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी को बातचीत के उपरांत समझा बुझा कर एक साथ रहने के लिए राजी किया गया। इसी क्रम में रुपौली थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला का आरोप था कि उसका पति उसे अपने साथ नहीं रखता है, जिससे उसके खाने पीने तक की समस्या होने लगी है। पति ने दूसरी शादी कर ली है वह दूसरी पत्नी की जिम्मेदारी उठा रहा है।
पति हाजिर: पत्नी की शिकायत के उपरांत शुक्रवार को परिवार परामर्श केंद्र में पति को भी बुलाया गया था, इस दौरान पत्नी ने पति पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका पति बिना उसे तलाक दिए 7 वर्ष पूर्व दूसरी पत्नी ले आया है। जबकि पति से उसके दो बच्चे हैं, जिनका खर्च उठाना अब मुश्किल हो रहा है।
पति में खौफ: पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी की बात सामने आने पर पुलिस ने पति को बताया कि यह अपराध के श्रेणी में आता है, इसमें तुम्हें 7 साल से 10 साल तक की सजा हो सकती है। जिससे पति गिड़गिड़ाने लगा, उसने गिड़गाड़ते हुए कहा कि वह पहली पत्नी के साथ रहना चाहता है लेकिन दूसरी पत्नी पहली पत्नी के पास जाने से रोक देती है। दूसरी पत्नी के भी बच्चे हैं। ऐसे में वह असमंजस के स्थिति में फंस गया है। तब परामर्श केंद्र में दूसरी पत्नी से कहा गया कि जब तुम्हें पहले से पता था कि तुम्हारा होने वाला दूल्हा पहले से शादीशुदा है, उसके बच्चे हैं तब तुमने इससे शादी क्यों की? ऐसे में तुम्हारे पति को जेल जाना होगा। जिससे दूसरी पत्नी भी घबरा गई।
दोनों ने लिया फैसला: पति को बचाने के लिए दोनों पत्नियों ने आपस में सामंजस्य बना लेना बेहतर समझा, दोनों ने निर्णय लिया कि उनका पति सप्ताह में चार दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा, शेष तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा। लेकिन बात बनते बनते बिगड़ गई, पहली पत्नी के हिस्से में पति के ज्यादा दिन आने से दूसरी पत्नी ने विरोध किया।
तब परामर्श केंद्र ने किया फैसला: तब परामर्श केंद्र ने दोनों के नोंकझोंक को देखते हुए फैसला किया कि पति सप्ताह के प्रथम तीन दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा, सप्ताह के तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा। सातवां दिन पति अपने विवेक के अनुसार अपनी किसी भी पत्नी के साथ रहने के लिए स्वयं निर्णय लेगा। जिस पर किसी का कोई अधिकार नहीं होगा। पहली पत्नी को प्रतिमाह ₹4000 भी देने होंगे। परामर्श केंद्र के किसी फैसले पर दोनों पत्नियों और पति ने अपनी सहमति प्रदान की।
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