अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कॉलेज के बीएड विभाग में गुरुवार को 'करिकुलम एंड इट्स बेसेस' विषय पर विद्वत व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षण और पाठ्यक्रम से संबंधित बुनियादी सिद्धांतों को समझाना और उनके व्यावहारिक महत्व पर चर्चा करना था। इस आयोजन की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जेपी पाण्डेय ने की।
23 जनवरी को आयोजित विद्वत व्याख्यान कार्यक्रम का संचालन बीएड विभाग के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राम रहीस द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना और स्वागत गीत का भावपूर्ण प्रस्तुतिकरण रंजना, शिवांगी, और साक्षी ने किया। स्वागत भाषण प्रो श्रीप्रकाश मिश्र ने दिया । उन्होंने विषय की प्रासंगिकता और इसके शैक्षणिक महत्व को रेखांकित किया ।मुख्य वक्ता प्रो रत्ना गुप्ता, प्राचार्य, दयानंद विमेंस ट्रेनिंग कॉलेज, कानपुर ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में पाठ्यक्रम के विभिन्न आयामों, उसकी संरचना और शिक्षण प्रक्रिया में उसकी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक प्रभावी पाठ्यक्रम न केवल ज्ञान के विस्तार में सहायक होता है, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्य वक्ताओं में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो सारनाथ सिंह और प्रो वीके गुप्ता शामिल थे। प्रो सारनाथ सिंह ने पाठ्यक्रम के विकास में सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो वीके गुप्ता ने शिक्षकों को पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के मूल उद्देश्यों को समझने और आत्मसात करने की सलाह दी। कार्यक्रम में मुख्य नियंता प्रो राघवेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन में सहयोग देने वाले सदस्यों का आभार व्यक्त किया। अन्य शिक्षकों डॉ. दिनेश कुमार मौर्य (विभागाध्यक्ष, शिक्षाशास्त्र), डॉ. मिथलेश कुमारी मिश्र, डॉ केके मिश्र, लेफ्टिनेंट डॉ. देवेन्द्र कुमार चौहान, डॉ. भावेश कुमार, सीता सिंह, विशाल गुप्ता और श्रीनरायण सिंह शामिल थे । कार्यक्रम में 62 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। विद्यार्थियों ने वक्ताओं के विचारों से प्रेरित होकर पाठ्यक्रम की बारीकियों को गहराई से समझने का प्रयास किया ।कार्यक्रम को शिक्षाविदों और विद्यार्थियों द्वारा अत्यधिक सराहा गया। वक्ताओं के गहन और विचारोत्तेजक व्याख्यान ने शैक्षणिक जगत में पाठ्यक्रम की महत्ता को स्पष्ट किया ।
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