उत्तर प्रदेश के शामली में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की सहारनपुर इकाई ने रिश्वत लेते हुए सहायक अध्यापक को गिरफ्तार किया है। शिक्षक अपने ही शिक्षा क्षेत्र के शिक्षक से रिश्वत ले रहा था, इसी दौरान एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एंटी करप्शन टीम ने सहायक अध्यापक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। मामले में एंटी करप्शन टीम प्रभारी ने आरोपी सहायक अध्यापक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
अवैध रूप से कार्यरत शिक्षक: प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिश्वत की कमाई करने के लिए सहायक अध्यापक दिनेश कुमार खंड शिक्षा कार्यालय बनत में अवैध रूप से विभागीय कार्य देख रहा था। शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत खंड शिक्षा कार्यालय से संबंधित अभिलेखों के लिखा पढ़ी में अपनी भूमिका अदा करता था।
निलंबित शिक्षक से मांगी रिश्वत: दरअसल शिक्षक विजय कुमार वर्ष 2023 में निलंबित हो गए थे। इसके बाद उनके वेतन से संबंधित एरियर फंसा हुआ था। जिसको निकालने के बाबत सहायक अध्यापक ने निलंबित शिक्षक से कमीशन की मांग की थी।
निलंबन अवधि के भुगतान का रिश्वत: बताया जाता है कि निलंबन अवधि के दौरान शिक्षक विजय कुमार के वेतन से एरियर का भुगतान नहीं हो सका था। जिसको मानव संपदा पोर्टल पर अग्रेषित करने के एवज में सहायक अध्यापक दिनेश कुमार में 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।
एंटी करप्शन टीम में शिकायत: मामले में शिक्षक ने अपनी पीड़ा बताते हुए एंटी करप्शन टीम में शिकायत दर्ज कराई। मामले को गंभीरता से लेते हुए एंटी करप्शन टीम प्रभारी ने टीम गठित कर आरोपी सहायक अध्यापक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने के लिए रवाना कर दिया।
रंगे हाथों गिरफ्तार: शिकायतकर्ता शिक्षक टीम के द्वारा उपलब्ध कराए गए नोटों को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बनत में पहुंचा, जहां शिक्षक के साथ में एंटी करप्शन टीम के लोग बतौर मित्र मौजूद रहे, जैसे ही सहायक अध्यापक दिनेश कुमार ने रिश्वत के 20000 रुपए अपने हाथ में लिया। बतौर और मित्र मौजूद रहे टीम के सदस्यों ने गिरफ्तार कर लिया।
बोले प्रभारी: मामले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन सहारनपुर के प्रभारी ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बनत में रिश्वत लेते हुए सहायक अध्यापक दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता से निलंबन अवधि के वेतन को मानव संपदा पोर्टल पर अग्रसारित करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। आरोपी सहायक अध्यापक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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