उत्तर प्रदेश के इटावा में स्वास्थ्य विभाग में तैनात प्रोग्राम मैनेजर ने मफलर के जरिए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक साइबर ठगों से परेशान था। साइबर ठगों के द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सदर कोतवाली क्षेत्र के छैराह गांव में स्वास्थ्य कर्मी 38 वर्षीय प्रशांत शर्मा ने मफलर का फंदा बनाकर सुसाइड कर लिया। बताया जाता है कि साइबर ठगों से पीड़ित होकर शिकायत दर्ज कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर बाथरूम के कमरे में फांसी लगा ली।
ब्लैकमेलिंग से परेशान: आरोप है कि साइबर ठगों से प्रशांत लगातार परेशान हो रहा था। साइबर ठग उसकी न्यूड फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे। लगातार लंबे समय से ब्लैकमेलिंग का शिकार होते हुए तनाव में आकर प्रशांत ने खौफनाक कदम उठा लिया।
ठगों को देने के लिए लिया लोन: कहा जा रहा है कि प्रशांत साइबर ठगों रुपए देते देते परेशान हो चुका था, स्थिति यह हो गई थी कि उसकी सारी कमाई साइबर ठगों के पास जा रही थी। साइबर ठगों को रुपए देने के लिए उसने लोन भी लिया था।
प्रोग्राम मैनेजर के पद पर तैनात था प्रशांत: बताया जाता है कि प्रशांत शर्मा उदी सीएचसी में प्रोग्राम मैनेजर के पद पर संविदा कर्मी के रूप में कार्यरत था। प्रशांत के सुसाइड से स्वास्थ्य महकमे में शोक छा गया।
साइबर सेल पर आरोप: मृतक प्रशांत के पिता नाथूलाल का आरोप है कि प्रशांत ने साइबर ठगों से पीड़ित होकर पुलिस के साइबर सेल में शिकायत किया था। अगर साइबर सेल मामले को गंभीरता से लेते हुए शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए समस्या से निजात दिला दिया होता तो प्रशांत तनाव में आकर खौफनाक घटना को अंजाम नहीं देता।
बोले एसएसपी: मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कल शाम प्रोग्राम मैनेजर के पद पर तैनात संविदा कर्मी प्रशांत शर्मा ने मफलर से सुसाइड कर लिया। मृतक के साइबर ठगों से पीड़ित होने की बात प्रकाश में आई है। मामले में क्षेत्राधिकारी नगर को जांच सौंपी गई है, रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ