उत्तर प्रदेश के शामली में बदमाशों से लोहा लेते हुए घायल हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार का इलाज के दौरान शहीद हो गए। पुलिस मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर के पेट में गोली लग गई थी। उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इंस्पेक्टर ने बुधवार को अंतिम सांस ली।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 20/21 जनवरी की रात शामली के करनाल बॉर्डर झिंझाना थाना क्षेत्र के बिडोली जोशना मार्ग पर एसटीएफ संयुक्त टीम ने बदमाशों की लोकेशन मिलने के बाद घेर लिया था। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थी, बदमाशों की गोलियों से बचाव करने के बावजूद एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार घायल हो गए थे। दो गोली उनके पेट में लग गई थी। मुठभेड़ के दौरान संयुक्त एसटीएफ टीम ने कुख्यात अपराधी अरशद सहित उसके तीन साथियों को मार गिराया था। वहीं घायल हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार को तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां से चिकित्सकों गुरुग्राम मेदांता के लिए रेफर कर दिया था।
पेट में लगी गोली: इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में दो गोली लगी थी, गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में चिकित्सकों ने ऑपरेशन करके गोलियां निकाल दी थी। वही बताया जा रहा है की गोली लगने से उनका लिवर डैमेज हो गया था।
लगातार साहस का परिचय: 1990 बैच के सिपाही पद पर भर्ती हुए सुनील कुमार लगातार अपने अदम्य साहस का परिचय देते रहे, इसके बदौलत वह बहुत कम समय में सिपाही से एसटीएफ इंस्पेक्टर तक पहुंच गए। पुलिस में शामिल होने के 7 वर्ष बाद एसटीएफ का गठन होने पर सुनील कुमार ने कमांडो का कोर्स किया, इसके बाद वह वर्ष 2009 में एसटीएफ में शामिल हो गए।इससे पूर्व इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अपने निर्भीकता का परिचय देते हुए वर्ष 2008 के 13 मार्च को फतेहपुर में हुई मुठभेड़ में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को ढेर करने के दौरान भी खुद की जान की परवाह किए बिना जवाबी कार्रवाई करते हुए हमला किया था। तब वर्ष 2011 के 16 सितंबर में सुनील कुमार को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर प्लाटून कमांडर बनाया गया था। लगातार अपने साहसिक कार्यों के कारण सुनील कुमार वर्ष 2020 में दलनायक के पद पर आसीन हुए।
यूपी एसटीएफ ने जताया दुख: इंस्पेक्टर सुनील कुमार का इलाज के दौरान निधन होने पर यूपी एसटीएफ ने सोशल मीडिया X अकाउंट पर दुख जताते हुए कहा है कि हमें अपने साहसी अधिकारी इंस्पेक्टर को खोना पड़ा। जो मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ का नेतृत्व कर रहे थे। चिकित्सकों के प्रयास के बावजूद उन्होंने दम तोड़ दिया। इंस्पेक्टर के बहादुरी और अमूल्य योगदान को हम सलाम करते हैं।
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