उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ पुलिस में हैरानी भरा मामला सामने आया है, होमगार्ड महज कक्षा 4 तक की शिक्षा ग्रहण कर ज्यादा पढ़े लिखे विभागीय लोगों को 35 वर्षों तक धोखा देता रहा। मुकदमे में गिरफ्तारी से मामले से पर्दा उठ गया। अब आरोपी सलाखों के पीछे है, वही उसके पद से उसे निलंबित कर दिया गया है। नौकरी से बर्खास्त करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
दरअसल आजमगढ़ पुलिस में एक गैंगस्टर 35 वर्षों तक बतौर होमगार्ड तैनात रहा। इस दौरान उसकी अलग-अलग थानों में ड्यूटी लगाई जाती रही। जिसका वह विभाग से तनख्वाह भी लेता रहा। बीते 35 वर्षों में विभाग को गैंगस्टर के कारनामों की भनक तक नहीं लगी। विपक्षी के शिकायत पर मामले की जांच हुई जिससे मामला उजागर हो गया।
कई मुकदमे में आरोपी: दरअसल आरोपी होमगार्ड नकदू के खिलाफ वर्ष 1984 से वर्ष 1989 तक कई मुकदमे दर्ज हुए थे। बाद में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई हुई थी।
कूटरचित दस्तावेज: बताया जाता है कि थाना रानी की सराय का रहने वाला होमगार्ड नकदू ने महज कक्षा 4 तक की शिक्षा ग्रहण की थी, अपने दस्तावेज में फेरबदल करके वर्ष 1990 में होमगार्ड में भर्ती हो गया था। नए नगर में ड्यूटी करता था।
हिस्ट्रीशीटर का होता रहा सत्यापन: वर्ष 1988 में आरोपी नकदू को हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया था, तब से कई बार हिस्ट्रीशीटर का सत्यापन किया गया, नाम परिवर्तन और दस्तावेजों से छेड़छाड़ होने के कारण मामला पकड़ में नहीं आ रहा था।
उप निरीक्षक ने दर्ज कराया मुकदमा: मामला संज्ञान आने के बाद वरिष्ठ उप निरीक्षक गोपाल जी ने रानी की सराय थाना में मुकदमा दर्ज करवाया। जिसमें कहा कि नगदू यादव पुत्र स्व० लोकई यादव हिस्ट्रीशीटर है,जो नंदलाल यादव पुत्र स्वर्गीय लोकई यादव के नाम से होमगार्ड की नौकरी करता है। आरोपी ने सरकार व पब्लिक को धोखा दिया है, झूठ बोलकर व धोखा देकर होमगार्ड की नौकरी कर रहा है।
जांच शुरू: मामले में आरोपी होमगार्ड को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, जिसमें पुलिस विभाग या होमगार्ड विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता आने पर कार्रवाई की जाएगी। अभी इस आशय की जानकारी की जा रही है कि आरोपी ने अपना नाम बदलकर कहां-कहां हेरा फेरी की है। वर्तमान में आरोपी होमगार्ड को निलंबित कर दिया गया है। बर्खास्तगी की कार्यवाही प्रचलित है।
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