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देवीपाटन मंडल में अब बिना हेलमेट नहीं मिलेगा पेट्रोल, मंडल में नो हेलमेट नो फ्यूल नीति लागू



उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल गोंडा में आप किसी पेट्रोल पंप पर बाइक में पेट्रोल भरवाने जा रहे हैं, तो रुकिए! सावधान, आपको बैरंग लौटना पड़ेगा। बिना हेलमेट पहने पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं मिलेगा। मंडलायुक्त ने मंडल में नो हेलमेट नो फ्यूल गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है।

 दरअसल नोएडा मॉडल से प्रभावित होकर मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल गोंडा शशि भूषण लाल सुशील ने मंडल के जिलाधिकारी, आरटीओ प्रवर्तन और डीएसओ को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि गाइडलाइन का पालन किया जाए, जिससे मंडल में होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आ सके।

बिना हेलमेट जान का खतरा: बता दे कि हेलमेट न पहने होने के कारण दुर्घटना के दौरान बाइक सवार यात्रियों की जान चली जाती है। हेलमेट पहने होने पर दुर्घटना के दौरान जान के खतरे में काफी हद तक कमी आएगी। अब अगर जो बाइक सवार को पेट्रोल भरवाने के लिए घर से महज पेट्रोल पंप तक ही जाना है, तो उसे घर से हेलमेट लगाकर जाना होगा। अन्यथा बिना पेट्रोल लिये बाइक सवार को बैरंग लौटना पड़ेगा।

नोएडा मॉडल से प्रभावित: बता दें कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में वर्ष 2019 के 1 जून को इस नीति को लागू किया गया था, जिसमें बाइक चालक और बाइक सवार के हेलमेट नहीं पहने होने पर पेट्रोल देना बंद कर दिया गया था। जिसका असर देखने को मिला। नोएडा की नो हेलमेट नो फ्यूल गाइड लाइन से प्रभावित होकर मंडलायुक्त ने देवीपाटन मंडल में नियम लागू किया है।

चार वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य: बता दे कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत दो पहिया वाहन को चलाने और सवारी करने वाले व्यक्ति को हेलमेट लगाना अनिवार्य है। इस नियम के तहत 4 वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों को भी हेलमेट लगाना अनिवार्य है। लेकिन इस नियम के तहत पगड़ी बांधने वाले सिख धर्म के लोगों को छूट है। हेलमेट ना पहने होने पर फाइन लगाने का प्रावधान है।

खतरनाक स्थान का चिन्हांकन: मंडलायुक्त ने मंडल के समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए, जहां अब तक ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। चिन्हित स्थान पर दुर्घटना में कमी लाने के लिए आवश्यक सुधार किया जाए। ऐसे स्थानों पर साइन बोर्ड, प्रकाश व्यवस्था और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की जाए। मंडलायुक्त ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह भी कहा है कि सड़क सुरक्षा समिति की मासिक बैठक करके कार्यवाही की समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार रणनीति में सुधार व बदलाव किया जाए।

जन आंदोलन की आवश्यकता: मंडलायुक्त ने कहा कि यातायात नियमों का पालन करके दुर्घटना में कमी लाई जा सकती है, इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार और जन जागरूकता की आवश्यकता है, जिसमें स्वयं सेवी संगठन, एनजीओ और मीडिया के जरिए जन-जन को जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को बखूबी लागू करने के लिए क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों को इस अभियान का हिस्सा बनाया जाए, हेलमेट न पहनने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए विभाग के द्वारा फाइन वसूल जाए। 

शहरी क्षेत्र में होगा लागू: मंडलायुक्त ने कहा कि नो हेलमेट नो फ्यूल का नियम सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शहरी क्षेत्र में लागू किया जाए, लागू होने के बाद इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने के उपरांत ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार पूर्वक लागू किया जाए। 



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