गुलाबी रंग लगे रिश्वत के पांच पांच सौ के नोट चूहे खा गए, 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद नोट अदालत पहुंचा तो मामला उजागर हो गया। इसके बाद मामले में हेड कांस्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद अंतर्गत नवाबगंज थाना से जुड़ा हुआ है। ट्रैप टीम के द्वारा पकड़े गए रुपए बदलकर अदालत में पेश किए जाने के बाद मामले से पर्दाफाश हो गया है। गुलाबी रंग से रंगे रिश्वत के रुपए को चूहे खा गए।
जानिए क्या पूरा है मामला: दरअसल वर्ष 2021 के 12 फरवरी को भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई बरेली की निरीक्षक पूजा शर्मा ने लेखपाल के द्वारा रिश्वत मांगने की जानकारी मिलने के उपरांत अपनी टीम के साथ मिलकर लेखपाल जयेन्द्र पाल सिंह पुत्र अनूप देव को दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। लेखपाल शिकायतकर्ता से पांच पांच सौ रुपए के 20 नोटों के साथ गिरफ्तार हुआ था। मामले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आरोपी लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कार्रवाई की थी।
रिलीज हुए रुपए: लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद जामा तलाशी ली गई थी, इस दौरान उनके पास मोबाइल फोन, पैन कार्ड, आधार कार्ड के अतिरिक्त 80361 रुपए नगद बरामद हुए थे। जिसे न्यायालय के आदेश पर रिलीज किया जा चुका है।
सील थे रिश्वत के रुपए: टीम ने रिश्वत के रुपए को खुले कागज में रखकर धागा से बांध दिया था, नोटों पर गुलाबी रंग भी लगे थे, रुपयों को सील मोहर करके पुलिस में दाखिल किया गया था।
ट्रायल के दौरान मामला उजागर: वर्ष 2024 में ट्रायल के दौरान सील किए गए नोट को न्यायालय में न पेश करके उसके स्थान पर पांच पांच सौ रुपए के 20 नोट बदलकर पेश किए गए।
चूहे खा गए नोट: नोट बदले जाने के संबंध में हेड कांस्टेबल उदयवीर सिंह से जानकारी की गई तो अभिज्ञता जाहिर करते हुए चूहों के द्वारा नोटों को कुतरकर नष्ट कर देना बताया गया।
हेड कांस्टेबल के खिलाफ मुकदमा: मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने जांच करवाया, जिसमें हेड कांस्टेबल प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया, माना जा रहा है कि हेड कांस्टेबल ने लेखपाल को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर ऐसा काम किया है। मामले में हेड कांस्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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