अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एमएलके पीजी कॉलेज के भूगोल विभाग द्वारा मंगलवार को वैश्विक जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
जिला मुख्यालय स्थित महारानी लाल कुंवारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 3 दिसंबर को भूगोल विभाग द्वारा 'वैश्विक जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य प्रोफेसर जेपी पांडे के नेतृत्व में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पधारे प्रोफेसर निजामुद्दीन खान, पूर्व प्राचार्य डॉ ओ पी मिश्रा, भूगोल विभाग के पूर्व विभाग अध्यक्ष डॉक्टर अमर सिंह एवं आयोजन सचिव डॉ अजहरुद्दीन तथा आयोजन समन्वयक प्रोफेसर एस एन सिंह के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के द्वारा किया गया ।
सेमिनार के विशिष्ट वक्ता के रूप में अपने व्याख्यान में डॉक्टर ओपी मिश्रा जी ने ग्लोबल वार्मिंग द्वारा हो रहे कृषि के प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की । उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की सतत विकास के लिए कृषि को वैज्ञानिक नवाचार द्वारा समृद्ध एवं आधुनिक किए जाने की जरूरत है । उन्होंने विद्यार्थियों को उत्साहित करते हुए कहा कि इजरायल जैसा देश अपने नवाचार एवं अनुसंधान द्वारा कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर लिया है तथा स्प्रिंकल सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकि विकसित कर ली है, जिससे कम से कम मात्रा में जल का उपयोग करके उत्पादन को बढ़ाया जा सका है ।
उन्होंने कहा की भूमिगत जल एवं नहरों से अधिक सिंचाई के कारण भारत के विभिन्न क्षेत्रों की भूमि ऊसर होती जा रही है । इस क्षेत्र में नवाचार किए जाने की जरूरत है जिससे भारत में भी सतत कृषि का विकास हो सके एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने संसाधन को बचाकर रख सके । उन्होंने अपने व्याख्यान को आगे बढ़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में कार्बन क्रेडिट जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी । प्रोफेसर निजामुद्दीन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन का समाज एवं देश के विभिन्न हिस्सों पर अलग-अलग तरीके से प्रभाव पड़ता है जिस पर सम्यक अनुसंधान किए जाने की जरूरत है उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने धरोहर का उपयोग करते हुए अपने परंपरागत सांस्कृतिक ज्ञान के द्वारा वातावरण पर हो रहे दुष्प्रभाव को कम कर सकता है । वातावरण के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए मनुष्य को अपनी आवश्यकताओं को कम करना होगा तथा अपनी सहनशीलता एवं अनुसंधान को विकसित करना होगा । महाविद्यालय के मुख्य नियंता प्रोफेसर राघवेंद्र सिंह ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत एवं इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु बधाई दीl डॉ अमर सिंह ने पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए अत्यधिक वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित किया । सेमिनार समन्वयक प्रोफेसर एस एन सिंह एवं आयोजन सचिव डॉक्टर अजहरुद्दीन ने ने अतिथियों एवं प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर एम अंसारी, प्रोफेसर वीणा सिंह, डॉक्टर दिनेश कुमार मौर्य, प्रोफेसर रेखा विश्वकर्मा, डॉ धर्मवीर, डॉ अकमल, डॉ प्रखर त्रिपाठी, डॉ बी एल गुप्ता, प्रोफेसर टी परखी, डॉ रमेश शुक्ला, डॉक्टर ओ पी सिंह, एलबीएस महाविद्यालय गोंडा से पधारे डॉक्टर परवेज आलम, शिवपति स्नातकोत्तर महाविद्यालय शोहरतगढ़ से पधारे डॉक्टर इंद्रजीत वर्मा, एचआरपीजी कॉलेज खलीलाबाद से डॉक्टर नेहा सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनुज सिंह एवं डॉ प्रचिति सिंह ने किया । महाविद्यालय की यूट्यूब चैनल पर कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया जिसमें डॉक्टर जितेंद्र कुमार एवं डॉक्टर ऋषि रंजन पांडे की माहिती भूमिका रहीl
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