अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर पुलिस ने गुरुवार को साइबर ठगी करने वाले 02 अन्तर्राज्यीय अपराधियों को गिरफ्तार करके उनके पास से साइबर ठगी के 60 हजार रुपये नगद, 04 एंड्रायड मोबाइल व कूटरचित दस्तावेज बरामद किया है ।
26 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक विकास कुमार द्वारा जनपद बलरामपुर में हुए साइबर ठगी के अपराधों का अनावरण कर अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु दिये गये सख्त निर्देश के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार व क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम यातायात डीके श्रीवास्तव के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना आरपी यादव के नेतृत्व में गोपनीय सूचना पर बहादुरापुर पेट्रोल पम्प के पास से 02 अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधी सच्चिदानन्द मंडल पुत्र भूखन मंडल निवासी झिलुआ जगदीशपुर थाना बुढ़ई जनपद देवघर झारखण्ड व दीपक वर्मा पुत्र मालिक राम वर्मा निवासी झूरीकुइंया थाना खरगूपुर जनपद गोण्डा को गिरफ्तार कर उनके पास से साइबर ठगी के 60 हजार रुपये नगद, घटना में प्रयुक्त 04 एंड्रायड फोन, 04 कूटरचित आधार कार्ड व 05 कूटरचित आधार कार्ड की छाया प्रति बरामद कर अभियुक्तों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही करते हुए जेल रवाना किया है । पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि पीड़ित आनन्द कुमार पुत्र कैलाश निवासी फुलवरिया बाईपास विशुनापुर बलरामपुर ने 25 अक्टूबर 2024 को उनके व उनके मित्र को झांसा देकर फर्जी प्रपत्र देकर “पोषण ट्रैकर ऐप” से गर्भवती महिलाओं को सरकार द्वारा 6000 रुपये का लालच देकर उनके खातों से ठगी का पैसा मेरे खाते में भेजकर मुझसे व मेरे मित्र विनय तिवारी से 20 हजार रुपये नगद का साइबर ठगी दो व्यक्तियों द्वारा कर लिया गया है, जिससे मेरा खाता होल्ड फ्रीज हो गया है । इन लोगों द्वारा ही अजीत मोबाइल शाप, मिश्रा सीएससी सेन्टर, अराध्या मोबाइल शाप भगवतीगंज से भी साइबर ठगी किया गया है । सूचना के बाद बावत साइबर क्राइम थाना बलरामपुर पर दी गयी तहरीर के आधार पर आईटी एक्ट सहित अन्य सुसंगत धाराओं में अज्ञात साइबर ठगों के नाम अभियोग पंजीकृत किया गया था । मुकदमे की विवेचना के दौरान मिली सूचनाओं और साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारी की गई है । पूछताछ पर अभियुक्त सच्चिदानन्द मण्डल ने बताया कि मैं झिलुआ जगदीश पुर झारखण्ड का रहने वाला हूँ । मेरे गांव के लगभग 20 लड़के साइबर ठगी का अपराध करते थे । उन्ही से मैं भी पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को सरकारी पैसा देने का झांसा देकर साइबर ठगी करना सीखे थे । मेरी मौसी की शादी झूरीकुंइया दीपक वर्मा के गांव में हुई है । मौसी के यहां आते जाते दीपक वर्मा से मेरी दोस्ती हो गयी और उसे भी मैने साइबर ठगी सिखाकर अपने साथ रखने लगा । हम लोग गूगल से आंगनबाड़ी सेन्टरों की लिस्ट सर्च करके ब्लाक सर्च कर आंगनबाड़ी सेविका का नंबर प्राप्त करते हैं और आंगनबाड़ी सेविका से सर्वर की खराबी सही करने के नाम पर उससे एमपिन पूछकर गर्भवती महिलाओं की सूची व मोबाइल नंबर प्राप्त कर गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये सरकारी योजना से देने के नाम पर उससे ANYDESK app या Whatsapp video calling कर स्क्रीन शेयर कराकर धोखे से उसके खाते का बैलेंस चेक करने के लिए कहते हैं जिससे हमें लाभार्थी के खाते का बैलेंस पता चल जाता है फिर एकाउंड डिटेल में अपना खाता नंबर भरवाकर धोखे से उसके एमाउंट को अपना कोड बताकर लाभार्थी के खाते में उपलब्ध धनराशि को अपने खाते में स्थानान्तरित करा लेते हैं । इसी पैसे को हम लोग दुकानों पर जाकर नगद पैसा प्राप्त कर लेते हैं । हम लोगों ने इसी प्रकार एक गर्भवती महिला के खाते से 98,999 रुपये की ठगी कर उसका पैसा हम लोग अपना फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उसकी फोटो कापी देकर विश्वास में लेकर बलरामपुर शहर के 04 दुकानदारों से साइबर ठगी कर लिया था । हम दोनो पिछले साल दिसम्बर 2023 में झारखण्ड के साइबर थाना गिरीडीह से भी साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुके हैं हम लोग जब झारखंड में अपराध करते हैं तो गोण्डा भाग आते हैं और जब यहां अपराध करते हैं तो झारखण्ड भाग जाते हैं । गिरफ्तार कर्ता टीम में साइबर थाना टीम के निरीक्षक आरपी यादव प्रभारी साइबर थाना, हे0का0 जग प्रसाद वर्मा, का0 विकास कुमार, का0 योगेन्द्र जायसवाल, का0 अनिल कुमार, का0 शुभम सिंह, का0 अभिषेक सिंह तथा एसओजी टीम के उ0नि0 बृज भूषण यादव, उ0नि0 कर्मवीर सिंह, उ0नि0 सै0 खादिम सज्जाद व का0 सुशील कुमार सिंह शामिल थे ।
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