जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में सोमवार को वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया ।
30 दिसंबर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘‘वीर बाल दिवस‘‘ मनाया गया । विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी नें समस्त छात्र-छात्राओं को प्रोजेक्टर के माध्यम से सीबीएसई द्वारा भेजे गये लिंक पर साहिब जादों का अनुकरणीय साहस पर आधारित राष्ट्रीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि मुगल शासनकाल के दौरान पंजाब में सिखों के आध्यात्मिक नेता दसवें गुरू गोबिंद सिंह के चार बेटे थे, उन्हें चार साहिबजादे खालसा कहा जाता था। 1699 में गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की ।
धार्मिक उत्पीडन से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी। साथ ही चारो साहिबजादों के बारे में बच्चों को बताया कि सिख्खों के दशम गुरू गोविन्द सिंह के चार सुपुत्रों जिनकी उम्र 6 से 12 वर्ष की थी । उनके नाम साहिबजादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह व फतेह सिंह का सामूहिक रूप से बलिदान कर दिया गया था। छोटे साहिबजादे के लिए ‘‘निक्कियां जिदां, वड्डा साका‘‘ गुरू गोविन्द सिंह के छोटे साहिबजादे की सहादत को जब भी याद किया जाता है, तो सिख्ख संगत के मुख से यह लफ्ज ही बयां होते है। एक सभा में मौजूद मुलाजिम ने साहेबजादों को वजीर खां ने सामने से झुकाकर सलामी देने को कहा। इस पर उन्होनें कोई जवाब नही दिया । उन्होंने कहा हम अकालपुरख और गुरू पिता के अलावा किसी के सामनें भी सिर नहीं झुकाते आखिर में दो साहेबजादों को जिंदा दीवारों में चुनवाने का एलान कर दिया। जब दीवाल तोड़ा गया तो दोनों साहेबजादों के स्वांस बाकी था, लेकिन मुगलों का कहर ढा गया और जबरदस्ती मौत के गले लगा दिया। उनकी शहादत का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को प्रति वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जायेगा । विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी एवं उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय सहित अध्यापक अध्यापिकाओं एवं छात्र-छात्राओं ने महान वीरता और सर्वोच्च बलिदान को श्रदांजलि देने के लिए वीर बाल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में भाषण का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में आयुश तिवारी, इलमा मन्नान, उन्नति एवं अंश मिश्रा नें अपना-अपना विचार प्रस्तुत किया, जिससे विद्यार्थियों के मन में अपना एक अष्ट छाप डाल दिया। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित होकर ‘‘वीर बाल दिवस‘‘ मनाया ।
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