गोंडा:न्यायालय ने कर्नलगंज के दो मामलों में फैसला सुनाते हुए दो सगे भाइयों को हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, 20000 रुपए का अर्थदंड लगाया है। वही दहेज हत्या में पति को 20 वर्ष की सजा के साथ 16 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में युवक को चाकू मारकर हत्या करने के मामले में दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, वही वर्ष 2016 में दर्ज हुए दहेज हत्या के मुकदमे में पति को 20 वर्ष करवास की सजा सुनाई है।
हत्या में आजीवन कारावास: अभियोजन पक्ष के मुताबिक वर्ष 2022 के 3 मई को कर्नलगंज थाना क्षेत्र के बटौरा बख्तावर सिंह गांव के रहने वाले अभय सिंह के चचेरे भाई लवकुश सिंह पुत्र विनोद कुमार सिंह की बटौरा बस स्टॉप रात के 8:30 बजे दुकान बंद करके घर लौट रहे थे, इसी दौरान गांव के रहने वाले अरविंद कुमार सिंह अपने भाई सुरेंद्र कुमार सिंह व दो अन्य दो लोगों के साथ उन्हें घेर कर चाकू मारकर लहुलुहान कर दिया था। घायल अवस्था में युवक को अस्पताल पहुंचाया था, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था। मामले में मुकदमा दर्ज होने के उपरांत पुलिस ने विवेचना करते हुए सगे भाई अरविंद कुमार सिंह और सुरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया था। मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने सगे भाई अरविंद कुमार सिंह व सुरेंद्र कुमार सिंह को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त दोषियों पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
पति को 20 वर्ष का कारावास: वर्ष 2016 के 15 जुलाई को दहेज हत्या उत्पीड़न के मामले में अदालत ने पति को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। वही साक्ष्य न मिलने के कारण जेठ और जेठानी को आरोप मुक्त कर दिया है।
क्या था आरोप:अभियोजन पक्ष के मुताबिक कर्नलगंज पुलिस में दर्ज किए गए मुकदमे में विट्टन तिवारी ने आरोप लगाया था कि उसने अपने बेटी मोनू का विवाह विशुनपुरवा गांव के मजरे सोनहरा गांव के रहने वाले राजकुमार से किया था। पति राजकुमार, जेठ महेश कुमार तिवारी व जेठानी पुष्पा, सोने की जंजीर व मोटरसाइकिल के साथ पच्चास हजार रुपए की मांग करते थे, मांग न पूरी होने की दशा में मारपीट कर बेटी की हत्या कर दी गई।
जेठ जेठानी दोषमुक्त: विवेचना के दौरान दहेज हत्या का समुचित साक्ष्य मिलने पर पुलिस ने मृतका के पति राजकुमार की खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले में सुनवाई करते हुए साक्ष्य के अभाव में जेठ महेश कुमार और जेठानी पुष्पा को दोषमुक्त कर दिया था। वही पति राजकुमार को दोषी पाते हुए 20 वर्ष का कारावास और 16 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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