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बेटे के हत्या में मां को प्रेमी के साथ आजीवन कारावास, मां के प्रेम प्रसंग में दीवार बनकर खड़ा था 11 वर्षीय मासूम



उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में अदालत ने बेटे की हत्या के आरोप में मां और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रेमी के साथ अवैध संबंध बनाने के दौरान बेटा दीवार बनकर खड़ा हो जाता था। इसी कारण से मां ने प्रेमी के साथ मिलकर बेटे की हत्या करके कुएं में फेंक दिया था। महज 5 माह के भीतर न्यायालय ने सभी साक्ष्यों पर विचार करते हुए प्रेमी प्रेमिका को आजीवन कारावास के साथ-साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक 5 महीने पहले पत्थर दिल माँ ने प्यार में बाधा बन रहे अपने ही 11 वर्षीय पुत्र की हत्या करके कुएं में फेंक दिया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए कलयुगी मां ने बेटे के गायब होने का मामला दर्ज करवा कर घड़ियाली आंसू भी बहाया था। तीन दिन बाद बेटे का कुएं में शव बराबर हुआ था, ऐसे में जांच की गुत्थी उलझ गई थी, लेकिन पुलिस ने गहराई से जांच की तो मां शक के दायरे में आ गई। इसके बाद पुलिस ने बीएनएस की धारा 103 के तहत अपराध पंजीकृत कर लिया था।

गांव से कुएं में दूर मिला था शव: बता दें कि जलालपुर किठौली पट्टी में 2 जुलाई को गांव के रहने वाले अवधेश की पत्नी सरस्वती ने 11 वर्षीय पुत्र उमेश के गायब होने का मामला पंजीकृत करवाते हुए कहा था कि 1 जुलाई की आधी रात से उसका 11 वर्षीय मासूम पुत्र गायब हो गया है। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद भी दो दिनों तक मासूम का कोई सुराग नहीं लगा था। इसी दौरान 4 जुलाई को गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर कुएं में 11 वर्षीय मासूम का शव बरामद हुआ था। तब मासूम की मां ने घड़ियाली आंसू बहते हुए कहा था कि आखिर यह सब कैसे हो गया। लेकिन पुलिस मामले में परत दर परत केस को सुलझाने में लगी हुई थी। 

गला दबाकर हत्या: स्थानीय पूछताछ और जांच में पुलिस ने पाया कि मासूम की मां का रोशन लाल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। ऐसे में पुलिस को उसकी मां और उसके प्रेमी पर शक हो गया। तब पुलिस ने प्रेमिका और उसके प्रेमी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कड़ाई से पूछताछ के बाद दोनों टूट गए, दोनों ने बताया था कि उसके प्रेम प्रसंग में मासूम बाधक बन रहा था, इसलिए गला दबा करके हत्या कर दी थी।मामले की विवेचना करते हुए पुलिस ने न्यायालय में सभी साक्ष्यों के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किया। मामले में उमेश के भाई किशन की गवाही भी दर्ज हुई। सभी गवाहों को सुनने व साक्ष्यों को देखने के बाद अदालत ने मासूम की मां सरस्वती देवी और उसके प्रेमी रोशन लाल को दोषी पाया। इसके बाद दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 

फैसला आते ही रोने लगी मां: अदालत का फैसला सुनते ही बेटे की हत्यारोपी मां सरस्वती देवी फूट-फूट कर रोने लगी, रोते हुए वह कह रही थी कि वह बेगुनाह है।

प्रेमी को याद आया परिवार: अदालत के सजा सुनाने के बाद रोशनलाल को पत्नी और बच्चों की फिक्र हुई, उसने कहा कि मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता था।

बोले एसपी: मामले में पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि पुलिस की त्वरित कार्यवाही और कुशल पैरवी के कारण महज 5 माह में मासूम के हत्या आरोपियों को अदालत ने सजा सुनाई है।


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