उत्तर प्रदेश के बरेली में संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हुए लेखपाल का 18 दिन बाद शव पाया गया है, मृतक के परिजनों का आरोप है कि लेखपाल को ईमानदारी के कारण उनकी अपहरण करके हत्या कर दी गई है। हालांकि पुलिस मामले के जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बरेली में तैनात लेखपाल 27 नवंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे। 18 दिन बाद कैंट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव के पास नाले में लेखपाल मनीष कश्यप का शव पाया गया है। पुलिस ने मृतक लेखपाल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया है।
दिनांक 28.11.2024 को थाना फरीदपुर में लेखपाल श्री मनीष कश्यप की गुमशुदगी दर्ज होने तथा प्राप्त तहरीर के आधार पर अभियोग पंजीकृत कर पुलिस टीम द्वारा गुमशुदा की तलाश के दौरान थाना कैंट क्षेत्र में 01 शव के अवशेष बरामद होने पर विधिक कार्यवाही के सम्बन्ध में #SSPBareilly की बाइट। pic.twitter.com/nt1vAB9y3G
ढाई सौ करोड़ की जमीन का घोटाला: लेखपाल के परिजनों का आरोप है कि लेखपाल मनीष कश्यप ने भू माफियाओं के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए ढाई सौ करोड़ रुपए की जमीन का राज उजागर कर दिया था। इसलिए भू माफिया उनके पीछे पड़े हुए थे। भू माफियाओं ने लेखपाल का अपहरण करके हत्या कर दिया है।
रिपोर्ट भेजने से पहले अपहरण: बताया जाता है कि लेखपाल मनीष कश्यप ने ईमानदारी दिखाते हुए ढाई सौ करोड़ रुपए की जमीन के घोटाले की रिपोर्ट तैयार कर ली थी। 27 नवंबर को घोटाले के संबंध में उच्चाधिकारियों सहित शासन को रिपोर्ट प्रेषित करना था। उससे पहले लेखपाल संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। 27 नवंबर को लेखपाल सुबह ड्यूटी के लिए निकले थे लेकिन वापस घर नहीं लौटे।
क्षति विक्षत शव बरामद: 18 दिन बाद शनिवार को लेखपाल मनीष कश्यप का कैंट इलाके में नाले के पास क्षति विक्षत अवस्था में शव पाया गया। बताया जाता है कि शव पूरी तरह से क्षति विक्षति होकर कंकाल में तब्दील हो गया था, कई दिन पुराना शव होने की आशंका जताई जा रही है।
बोली पुलिस: मामले में पुलिस का कहना है कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया गया है। मामले में गंभीरतापूर्वक जांच किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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