यूपी कैडर के आईपीएस अमित कुमार सहित 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ बर्खास्त सिपाही के द्वारा कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराए गए मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। दर्ज मुकदमे को महज 24 घंटे के भीतर साक्ष्यों के अभाव में पुलिस ने समाप्त कर दिया है। अब गाजीपुर पुलिस वादी बर्खास्त सिपाही के खिलाफ कार्यवाही करने के मूड में है।
बता दे कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद अंतर्गत नंदगंज पुलिस में वाराणसी के मंडुवाडीह थाना अंतर्गत भुल्लनपुर के शिव शंकर नगर कालोनी में रहने वाले बर्खास्त सिपाही अनिल कुमार ने गाजीपुर सीजेएम के आदेश पर यूपी कैडर के आईपीएस अमित कुमार सहित 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण, हत्या का प्रयास, अवैध तरीके से वसूली और फर्जी मुकदमे में फसाने का आरोप लगाते हुए गाजीपुर के नंदगंज पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें सिपाही का आरोप था कि पुलिस अधीक्षक और थानाध्यक्ष के द्वारा कराई जा रही वसूली से संबंधित लिस्ट बनाई गई थी, जिसको उसने वर्ष 2021 में वायरल करके भ्रष्टाचार का पोल खोल दिया था। इसी कारण से नाराज होकर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने उसे बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद सिपाही ने विभिन्न गंभीर आरोप लगाते हुए वर्तमान में अलग-अलग थानों में तैनात उप निरीक्षक और सिपाहियों पर आरोप लगाया था। मुकदमा दर्ज करने के महज 24 घंटे के भीतर गाजीपुर की नंदगंज पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर मुकदमे को स्पंज (समाप्त) कर दिया है।
बोले एसपी: मामले में गाजीपुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूर्व में नियुक्त हेड कांस्टेबल ने गाजीपुर न्यायालय के आदेश पर नंदगंज पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। एसपी ने बताया कि आरोप से संबंधित कोई भी घटना नहीं हुई थी, इस प्रकार से साक्ष्य जुटाए गए थे, उसके आरोपों से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला था। इसलिए उक्त मुकदमे को समाप्त कर दिया गया है। इस संबंध में न्यायालय में पत्र प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मुकदमे के वादी अनिल के खिलाफ पूर्व में कई मुकदमे दर्ज हैं, बर्खास्तगी के दौरान सिपाही अनिल कुमार को दर्ज मुकदमे के तहत गैंगस्टर बनाया गया था, जिसमें यह कुछ दिन जेल में भी रहा है। बर्खास्त सिपाही ने तथ्यों को छुपाते हुए सीजेएम न्यायालय के द्वारा मुकदमा दर्ज कराया था। बर्खास्त सिपाही ने दर्ज मुकदमे को खत्म करने के लिए इलाहाबाद न्यायालय में वाद दायर किया गया था, लेकिन न्यायालय ने तथ्यों को देखते हुए उसके वाद को खारिज कर दिया था। उन्हीं गलत तथ्यों के आधार पर बर्खास्त सिपाही यहां मुकदमा लिखवाने में यहां से सफल हो गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बर्खास्त सिपाही अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्त है, उसके खिलाफ पूर्व में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। वर्तमान के भी दो-तीन मुकदमे दर्ज हैं। सिपाही ने पुलिस को हतोत्साहित करने के लिए गलत नीयत से मुकदमा दर्ज कराया था। जिसको तत्काल प्रभाव से मेरे द्वारा खत्म कर दिया गया है। बर्खास्त सिपाही के खिलाफ कार्रवाई के लिए न्यायालय में रिपोर्ट प्रेषित की गई है।
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