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दरोगा सहित 10 पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज



बदायूं में तत्कालीन दरोगा सहित 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ पीड़ित ने न्यायालय के आदेश पर घर में घुसकर मारपीट गाली गलौज फर्जी मुकदमे में फंसने की धमकी सहित लूटपाट का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित का आरोप है कि उसके खिलाफ कोई भी मुकदमा पंजीकृत नहीं था उसके बावजूद तात्कालिक दरोगा ने विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भी भेज दिया था। मुकदमे से बचने के लिए पीड़ित से दो लाख रूपए की मांग की थी। रुपए नहीं देने पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने की धमकी दी थी। मामले में पीड़ित ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है। 

मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद अंतर्गत मूसाझाग थाना से जुड़ा हुआ है। क्षेत्र के हसनपुर गांव में रहने वाले सिराज उ‌द्दीन पुत्र नन्हें का कहना है कि गांव के दबंग से उसकी रंजिश चल रही है। 

घर में घुसकर लूटपाट: तत्कालीन दरोगा सुनील कुमार ने वर्ष 2023 के 8 जुलाई को पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे थे, घर में घुसकर बीवी बच्चों से मारपीट करते हुए सलीम की पत्नी के बक्से में रखें, बक्से का ताला तोड़कर आठ हजार रुपए, 50 ग्राम चांदी की ज्वेलरी चांदी कलर 35 ग्राम, एक सोने की अंगूठी 2 ग्राम निकाल लिया था। मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे गांव के मुस्तकीम, मोहम्मद अशरफ, राजेंद्र, बेबी रविंद्र आदि ने मौके पर पहुंचकर पुलिस से सवाल-जवाब किया था। तब दरोगा सलीम व सरोज बेबी और कमालु‌द्दीन को अपने साथ थाने लेकर चला गया था।


फर्जी मुकदमे में जेल: मामले का विरोध करते हुए गांव वाले रास्ते में खड़े हो गए थे उन्होंने कहा कि बिना मुकदमा वह वारंट के आप नहीं ले जा सकते हैं तब दरोगा बस सिपाही ने नाराज होकर बर्बाद कर देने का ऐलान किया था। मामले में पीड़ित में उच्च अधिकारियों से लेकर शासन प्रशासन को अवगत करवाते हुए गुहार लगाया लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। शिकायत करने से नाराज 22 जुलाई को मध्य रात्रि के बाद दरोगा पुलिस फोर्स के साथ घर में घुस गए। दरोगा ने सलीम मोहम्मद अशरफ मोहम्मद ताबीज गुल मोहम्मद मुस्तकीम और कमालुद्दीन को पड़कर थाने जाने लगे थे तभी हल्ला गुहार सुनकर गांव के रहमतुल्लाह, झंकारी शर्मा और रामू कश्यप सहित तमाम लोग मौके पर आ गए थे, उन्होंने गिरफ्तारी के बाबत पुलिस से जानकारी हासिल की तो पुलिस ने बताया कि थाने पर ले जाकर अभी वापस छोड़ जाएंगे। आरोप है कि थाने में दरोगा सुनील कुमार,सिपाही हरीश कुमार, सिपाही अर्जुन सिंह, सिपाही प्रेमराज सिपाही गौरव सिंह सिपाही नरेश कुमार, सिपाही भोजराज सिंह, प्रभारी निरीक्षक सोमेन्द्र भदौरिया, थानाध्यक्ष शिवेन्द्र सिंह थानाध्यक्ष महेन्द्रपाल सिंह ने गांव तस्करी के झूठे मुकदमे में छुरी, हसिया लकड़ी का डंडा लगाकर चालान कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि उन लोगों के पास से पुलिस को ऐसी कोई चीज बरामद नहीं हुई थी। 



रुपए की मांग:पीड़ित का आरोप है कि तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सोमेंद्र भदोरिया ने दो लाख रुपए की मांग की थी कहा था कि रुपए नहीं देने पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करेंगे। रुपए न होने की दशा में पीड़ित ने रुपए देने से इनकार कर दिया। पीड़ित के कहना है कि हम लोगों के खिलाफ पूर्व में कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है। रुपए न मिलने की दशा में पुलिस ने ताजिव के खिलाफ गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही की। 


आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मी: न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने उप निरीक्षक सुनील कुमार, सिपाही हरीश कुमार, सिपाही अर्जुन सिंह, सिपाही प्रेम राज, सिपाही गौरव सिंह, सिपाही नरेश कुमार, सिपाही भोजराज सिंह, प्रभारी निरीक्षक सोमेंद्र भदौरिया, थाना अध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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