गोंडा: बेलगाम सहायक विकास अधिकारी के खिलाफ सीडीओ ने कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एडीओ पंचायत पर खंड विकास अधिकारी समेत अधीनस्थ कर्मचारियों व जनता से अभद्रता करने का आरोप है।
बता दें अपने उत्तरदायित्व के प्रति लापरवाह, अपने अधिकारियों व कनिष्ठों से अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज करने वाले एडीओ पंचायत को मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने सस्पेंड कर दिया।
बीडीओ से अभद्रता: बता दे कि विकासखण्ड रूपईडीह के खण्ड विकास अधिकारी ने सीडीओ को शिकायती पत्र देते हुए एडीओ पंचायत पर गंभीर आरोप लगाया था। शिकायती पत्र में कई आरोपों का जिक्र था। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने एडीओ पंचायत के खिलाफ कार्यवाही की है।
फोन पर गाली गलौज: बीडीओ ने शिकायत पत्र देते हुए कहा था कि 24 दिसंबर को सुशासन सप्ताह की समाप्ति पर विकासखंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सहायक विकास अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह से फोन पर कहा गया, जिस पर सहायक विकास अधिकारी ने बदतमीजी करते हुए बात की। बीडीओ का कहना है कि उस दौरान एडीओ पंचायत महेंद्र प्रताप सिंह नशे में थे। एडीओ के व्यवहार पर बीडीओ ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो निहायत ही गंदे शब्दों के साथ गाली-गलौज शुरू कर दिया गया। शिकायत की जांच में एडीओ पंचायत दोषी पाए गए।
अनुशासनहीनता का आरोप: आरोप है कि सहायक विकासखंड अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह विकासखंड कार्यालय में अक्सर अभद्रता करते हैं। कार्यालय के टेबल पर पैर रखकर जनता से बात करते है। मामले की जांच में एडीओ पंचायत दोषी निकले।
सचिवों से अभद्रता:सहायक विकास अधिकारी पर यह भी आरोप है कि सचिवों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए ग्राम निधि में रुपयों की मांग की जाती है। रुपए ना देने पर जांच में फसा कर भविष्य बर्बाद करने की धमकी दी जाती है।
शराब का सेवन: आरोप है कि एडीओ पंचायत शराब के नशे में कार्यालय आते हैं, लगातार शराब के नशे में होने से कारण से विकास योजना से संबंधित कार्यों में रुचि नहीं लेते है।
कार्यालय में हंगामा: सहायक विकास खंड अधिकारी पर विकासखंड कार्यालय में गाली गलौज करते हुए लोगों से अभद्रता, अभद्र आचरण करने का आरोप है। एडीओ पंचायत के द्वारा लोगों से मारपीट करते हुए हंगामा खड़ा किया जाता है जिससे शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है।
अधिकारियों के आदेश की अवहेलना: 9 दिसंबर को एडीओ पंचायत को कारण बताओ नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन एडीओ पंचायत द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। उच्च अधिकारियों के आदेश और निर्देशों की अवहेलना करने के कारण सस्पेंड कर दिया गया है।
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