उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में 200 वर्षों पुराना ऐतिहासिक पवित्र मंदिर अतिक्रमणकारियों के कब्जे में था, जिसे जिलाधिकारी के देख रेख में अतिक्रमण मुक्त करते हुए, अतिक्रमणकारियों को शख्त हिदायत दी गई है। जिलाधिकारी ने साफ कह दिया है कि दोबारा अतिक्रमण करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कि जिले के इमामबाड़ा मोहल्ले में स्थित 200 साल पुराना पवित्र मंदिर बड़ी संगत में श्री हनुमान जी की पूजा होती है। जिस पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। तमाम प्रकार से कूड़ा कचरा इकट्ठा हो जाने से मंदिर का मुख्यद्वार भी गायब होता जा रहा था। अवैध रूप से टिन शेड रखकर लोगों ने मुख्यद्वार को वाहन पार्किंग स्थल बना दिया था। जिसे जिलाधिकारी नेहा शर्मा के मौजूदगी में अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है।
भक्तों और राहगीरों के समस्या का निदान: मंदिर के मुख्यद्वार व आस पास में टीन शेड रखने से आने वाले भक्तों व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। मामले को लेकर मंदिर पुजारी ने डीएम से मुलाकात कर शिकायत किया था।
चला बुलडोजर: मामले को गंभीरता से लेत हुए नगर पालिका की टीम और पुलिस की मौजूदगी अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू की गई। अवैध रूप से बनाए गए निर्माण को बुल्डोजर से ध्वस्त किया गया।
मौजूद रही डीएम: मंदिर परिसर से अतिक्रमण हटाने एवं साफ सफाई करने की कार्यवाही में लगभग एक घंटे लगा, इस दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौजूद रही।
दुबारा किया कब्जा तो होगी कानूनी कार्रवाई: मौके पर मौजूद रहकर डीएम ने पूरे मामले का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मंदिर की जमीन पर कोई भी अतिक्रमण करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।किसी भी स्थिति में दुबारा अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।
ऐतिहासिक धरोहर को रखे संरक्षित: डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मंदिर परिसर व आसपास में नियमित सफाई अभियान चलाकर सुव्यवस्थित किया जाए। 200 वर्ष पुरानी मंदिर को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित किया जाए।
इनकी रही मौजूदगी: अतिक्रमण हटाने के दौरान जिलाधिकारी के साथ नगर मजिस्ट्रेट पंकज कुमार वर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी सौरभ वर्मा, अधिशासी अधिकारी संजय कुमार मिश्र और नगर कोतवाल संतोष कुमार मिश्र सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
हुई जमकर सराहना:मंदिर परिसर को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर स्थानीय लोगों ने डीएम की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने मंदिर परिसर को अतिक्रमण मुक्त करवा कर सराहनीय कार्य किया है। यह मंदिर ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि हम लोगों के आस्था का केंद्र है।
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