अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में गुरुवार को भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बलरामपुर द्वारा नगर के बलरामपुर गर्ल्स इंटर कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
5 दिसंबर को डॉ भीमराव अंबेडकर के मा पर निर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर मौजूद वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है। जो शायद ही कहीं और देखने को मिले यह जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक पूर्व जिला संयोजक अम्बुज भार्गव ने बताया कि डॉ भीमराव अंबेडकर का नाम आते ही भारतीय संविधान का जिक्र अपने आप आ जाता है। सारी दुनिया आमतौर पर उन्हें या तो भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका के नाते याद करती है या फिर भेदभाव वाली जाति व्यवस्था की प्रखर आलोचना करने और सामाजिक गैर बराबरी के खिलाफ आवाज उठाने वाले योद्धा के तौर पर। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य रेखा ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश में व्यापत छुआ-छूत को मिटाने के लिए तमाम संघर्ष किये। समाज के वंचित वर्गो को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा।
शांभवी तोमर ने कहा कि जब भी भारत के सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों की बात हो और डॉ. भीमराव अंबेडकर का जिक्र न हो, इसका अर्थ है कि हम विषय के साथ न्याय नही कर रहे हैं। बिना बाबासाहेब को पढ़े हम भारत के सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों को नही समझ सकते। इस दौरान अविनाश, अन्नपूर्णा, अर्चना शिक्षकों के अलावा उमरा, सौरभ, आनंद सहित अन्य कई अभाविप कार्यकर्त्ता उपस्थित रहें।
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