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BALRAMPUR...यातायात जागरूकता अभियान



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में शासन के निर्देशानुसार चलाए जा रहे यातायात माह नवंबर 2024 के तहत शनिवार को सड़क सुरक्षा व दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए यातायात पुलिस द्वारा वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाया गया ।


16 नवंबर को सड़क सुरक्षा का रखो ध्यान, ट्रैफिक नियमों का करो सम्मान ।दुर्घटनाओं से बच पाएंगे, जब नियमित सीट बेल्ट लगाएंगे । इस लोगों के साथ यातायात जागरूकता अभियान चलाया गया । पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन में यातायात माह के दृष्टिगत बलरामपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए निरंतर चेकिंग अभियान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए आमजन को जागरुक करते हुए उनके वाहनों पर लगाए गये रिफ़्लेक्टिव टेप लगाया गया । पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक नम्रिता श्रीवास्तव व क्षेत्राधिकारी यातायात बृजनन्दन राय* के पर्यवेक्षण मे प्रभारी निरीक्षक यातायात उमेश यादव व उनके टीम द्वारा कस्बा बलरामपुर के सार्वजनिक स्थानों- भगवतीगंज, उतरौला बाईपास, टैक्सी स्टैण्ड व बस स्टैंड सहित अन्य कई स्थानों पर ध्वनि मापक यंत्र से माॅडीफाइड साइलेंसर की आवाज माप कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की गई । साथ ही ओवर स्पीड से वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई । साथ ही साथ, हेलमेट, सीट बेल्ट का उपयोग न करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध ई-चालान की कार्यवाही की गई । आम-जन में पम्पलेट वितरण कर यातायात नियमों और संकेतों के प्रति जागरूक किया गया। अभियान के दृष्टिगत यातायात सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यातायात नियमों के प्रति भी जागरूक किया गया । दो-पहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनना । कभी भी शराब पीकर गाड़ी नही चलाना । कार चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट पहनना । वाहन चलाते समय कभी भी मोबाइल फोन पर बात नही करना तथा कोई एसएमएस नही भेजना व देखना । हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करना तथा अपने परिजनों से पालन करने हेतु बताना तथा सड़क दुर्घटना पीडितों की मदद करने हेतु सदैव तत्पर रहना शामिल है । इस दौरान प्रभारी यातायात द्वारा बताया गया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को उचित समय पर इलाज मिलने की समय सीमा को गोल्डन ऑवर कहते हैं । यह समय दुर्घटना के बाद का पहला घंटा होता है । इस दौरान अगर घायल व्यक्ति को तुरंत एवं ज़रूरी इलाज मिलता है, तो उसके बचने की संभावना बढ़ जाती है ।

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