अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कॉलेज पुस्तकालय सभागार में बुधवार को स्वदेशी जागरण मंच द्वारा दत्तो पंत ठेंगड़ी का जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
13 नवंबर को स्वदेशी जागरण मंच द्वारा एमएलके पीजी कॉलेज के पुस्तकालय सभागार में महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर जेपी पांडे की अध्यक्षता में दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्मोत्सव का आयोजन किया गया । जन्मोत्सव का यह कार्यक्रम पूरे भारतवर्ष में एक सप्ताह तक मनाया जा रहा है । कार्यक्रम की प्रस्तावना स्वावलंबी भारत अभियान के जिला समन्वयक एमएलके पीजी कॉलेज में वनस्पति विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉक्टर राजीव रंजन ने रखी । उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए ठेंगड़ी जी के जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रोफेसर पांडे ने ठेंगढ़ी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे भारत की समसामयिक समस्याओं को देखते हुए समस्याओं के निदान के लिए ठेंगड़ी ने किस प्रकार विभिन्न संगठनों का गठन किया । उन्होंने कहा कि ठेंगड़ी जी ने भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ व स्वदेशी जागरण मंच के संस्थापक के साथ एबीवीपी के भी संस्थापक सदस्य रहे । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के सी त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में बताया कि ठेंगड़ी जी बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे । उन्होंने तीन भाषाओं में पुस्तक लिखी तथा उनको कई भाषाओं का ज्ञान था । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच स्वावलंबी भारत अभियान के पूर्णकालिक राजीव जी ने अपने उद्बोधन में कहा ठेंगड़ी जी एक कुशल संगठन कर्ता भी थे । उन्होंने न केवल विभिन्न संगठनों की स्थापना की, वरन राष्ट्र की समसामयिक समस्त समस्याओं का चिंतन व उनका निवारण भी अपनी पुस्तकों के माध्यम से दिया । उन्होंने बताया की संगठन के लिए उनकी एक पुस्तक कार्यकर्ता सभी को पढ़ना चाहिए । स्वदेशी जागरण मंच ने एक ऑनलाइन वेबसाइट का भी निर्माण किया है, जिस पर आप ठेंगड़ी जी के संपूर्ण जीवन का अध्ययन कर सकते हैं । वेबसाइट का नाम dbthengdi.in है । कार्यक्रम में डॉ आशीष कुमार लाल, डाॅ आलोक शुक्ला, डॉ सुनील मिश्रा, डॉक्टर लव कुश पांडेय, डॉ साक्षी शर्मा, डॉ वसंत कुमार, डॉ अरुण कुमार, शंकी रुहेला, डाॅ अवनींद्र दीक्षित, डॉ सुनील कुमार शुक्ला, विपिन तिवारी, सौम्या शुक्ला, राशि सिंह, रिया पांडेय, परिमल व धर्मेश श्रीवास्तव सहित अन्य कई लोगों की उपस्थिति रही ।
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