अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कॉलेज में स्थापित 51 वीं यू पी बटालियन एन सी सी बलरामपुर के तत्वावधान में सिरसिया श्रावस्ती के बनवारी देवी अशोक कुमार स्मारक महाविद्यालय में चल रहे आल इंडिया यू पी ट्रैक प्रथम के पांचवें दिन गुरुवार को कैडेटों को थारु जनजाति की संस्कृति से परिचित कराया गया। वहीं देवीपाटन ग्रुप ने सुहेलवा वाइल्ड सेंचुरी के जंगलों का भी भ्रमण कर अध्ययन किया ।
14 नवंबर को कैम्प कमांडेंट कर्नल अरविन्द प्रताप सिंह पटवाल के निर्देशन में ट्रैकिंग प्रारंभ किया गया। श्रावस्ती ग्रुप, देवीपाटन, सुहेलवा, थारु व राप्ती ग्रुप के कैडेटों को उनके निर्धारित रुट पर ट्रैकिंग के लिए भेजा गया। ट्रैकिंग रुट पर उनके साथ गए एनसीसी अधिकारी, जेसीओ व पीआई स्टाफ ने कैडेटों को उनको जंगलों, ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों के दर्शन कराने के साथ ही उसके इतिहास व महत्व से परिचित कराया। दूसरे सत्र में विभिन्न राज्यों से आये कैडेटों को थारु जनजाति के संस्कृति व सभ्यता से परिचित कराने के लिए व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित तराई अवेयरनेस समिति के सचिव अजय मिश्र ने कैडेटों को बताया कि तराई क्षेत्र की नेपाल सीमा से सटे गांवों में रहने वाली थारू जनजाति की अनूठी संस्कृति ही उसकी पहचान है। इनकी संस्कृति की अगर बात करें तो अलग परंपराएं, भोजन, वेशभूषा, धार्मिक आयोजन और सामाजिक संस्कार इसे अनूठा बनाते हैं।
इनका मनमोहक लोकनृत्य विशेष रूप से प्रसिद्घ है। पहले केवल कृषि पर निर्भर रहने वाली इस जनजाति के लोग अब समाज की मुख्यधारा से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। सदियों से जंगल के बीच रहने के कारण यह लोग अब वन्यजीवन में पूरी तरह रम गए हैं। थारू समाज की अपनी अलग संस्कृति है। इनका रहन-सहन, भाषा, बोली से लेकर पहनावा तक सब अलग है। थारू समाज की सामाजिक प्रक्रिया बेहद मजबूत है। थारू समाज मातृ सत्तात्मक समाज है। कैम्प कमांडेंट कर्नल पटवाल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि थारु जनजाति की संस्कृति व सभ्यता अपनी अलग पहचान रखती है। इस अवसर पर कैडेटों के साथ सभी एन सी सी अधिकारी व पी आई स्टाफ मौजूद रहे।
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