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गोंडा:जिले की 273 आशा कार्यकर्ता के नौकरी पर मँडराया खतरा



273 आशाओं की सेवाएं हो सकती हैं समाप्त, आभा पहचान पत्र बनाने में लापरवाही पर जिलाधिकारी का सख्त रुख

आभा कार्ड बनवाने में लापरवाही आशा कार्यकर्ता को पड़ी भारी

लक्ष्य के सापेक्ष कार्ड बनवाने में साबित हुई शिथिलता

आभा कार्यकर्ता को प्रशासन ने सौंपा था सभी परिवारों का आभा कार्ड बनाने का लक्ष्य

कृष्ण मोहन 

गोंडा:जिले में कार्यरत विभिन्न सीएचसी की 273 आशा कार्यकर्ता की नौकरी पर खतरा मँडरा गया है। इन आशा कार्यकर्ता ने लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा आभा कार्ड बनाने में घोर लापरवाही बरती है। आभा आईडी निर्माण के मामले में लापरवाही पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है।

अप्रैल 2021 से लेकर 21 अक्टूबर 2024 तक जिले में 273 आशा कार्यकर्ता ने 100 से भी कम आभा आईडी बनाए हैं। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिलाधिकारी को आशा कार्यकर्ता की सूची सौंपा है।

आभा आईडी (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) का निर्माण स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटाइज करने की एक अहम पहल है, जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी जारी की जाती है। इसके माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का डेटा आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। लेकिन जिले के कई क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता की ओर से इस योजना में अपेक्षित कार्य न किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में 21 अक्टूबर को आयोजित एक समीक्षा बैठक में यह गंभीरता से उठाया गया कि जिले के 273 आशा कार्यकर्ता ने अब तक 100 से कम आभा आईडी कार्ड बनाया है। इस बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि अगर 1 नवंबर तक आभा ID बनाने में कोई प्रगति नहीं दिखाई गई, तो इन 273 आशाओं की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी रश्मि वर्मा ने 100 से कम आभा आईडी बनाने वाली आशा कार्यकर्ता की विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दिया है। 

मनकापुर सीएचसी की 10, बेलसर की 22, बभनजोत: 25, छपिया की 25, कर्नलगंज की 12, हलधरमऊ की 21, इटियाथोक सीएचसी की 23, झंझरी सीएचसी की 35, कटरा बाजार की 22, मुजेहना की 16, नवाबगंज सीएचसी की 11, परसपुर सीएचसी की 7, रूपईडीह सीएचसी की 20, तरबगंज सीएचसी की 16, यूपीएचसी सिविल लाइंस की 2, वजीरगंज की 6 आशा कार्यकर्ता पर कार्रवाई लगभग तय हो गई है। 

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने चेतावनी दी है कि जो आशा कार्यकर्ता अपने कार्य में सुधार नहीं लाएंगी और आभा आईडी निर्माण में प्रगति नहीं करेंगी, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य आभा पहचान पत्र योजना को तेजी से लागू करना और नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटल लाभ पहुंचाना है। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस दिशा में तत्परता से कार्य करें और समय सीमा का पालन सुनिश्चित करें।

 जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने यह भी कहा कि आभा पहचान पत्र योजना के तहत कार्यरत हर आशा कार्यकर्ता का उत्तरदायित्व है कि वह अपने क्षेत्र में सभी लाभार्थियों को जोड़ने का प्रयास करें और योजना को सफल बनाएं। अगर इस दिशा में लापरवाही बरती गई तो भविष्य में ऐसे अन्य लापरवाह कार्यकर्ताओं पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।

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