उत्तर प्रदेश के गोंडा में तैनात न्यायिक लिपिक का वीडियो इंटरनेट पर आने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपी न्यायिक लिपिक सुरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
गोण्डा सदर तहसील न्यायालय में तैनात लिपिक का वीडियो वायरल होने के बाद हुई बड़ी कार्यवाही, न्यायालय में लिपिक ने मांगी थी रिश्वत, निलंबित pic.twitter.com/Vr8wn4k6FJ
बता दे कि बुधवार को जिले सदर तहसील न्यायालय में तैनात लिपिक सुरेंद्र कुमार का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें लिपिक सुरेंद्र कुमार द्वारा 300 रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन में आरोपी लिपिक के खिलाफ कार्रवाई की है। मामले में आरोपी लिखित के खिलाफ जांच भी शुरू हो गई है।
पीठासीन अधिकारी के लिए मांगी रिश्वत: बताया जाता है कि वायरल वीडियो में लिपिक ने पत्रावली के निस्तारण के लिए पीठासीन अधिकारी के लिए रिश्वत मांगी थी। वीडियो वायरल होने के बाद लिपिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सुविधाओं पर रहेगा प्रतिबंध: मिली जानकारी के मुताबिक निलंबन के दौरान लिपिक सुरेंद्र कुमार वित्तीय हस्त पुस्तिका के नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता, औसत वेतन या अधूरा वेतन पाएंगे। लेकिन निलंबन की अवधि में महंगाई भत्ता और अन्य प्रतिकर भत्ते उन्हें प्राप्त होते रहेंगे। नियमानुसार उन मदों में वास्तविक खर्च कर रहे हो जिनके लिए यह भत्ते प्राप्त होंगे। इस नियमावली के तहत निलंबन के दौरान लिपिक सुरेंद्र कुमार न्यूनतम आर्थिक सहायता प्राप्त करते रहेंगे, लेकिन उनके अन्य सुविधाओं पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।
देना होगा प्रमाण पत्र: निलंबित रहते हुए लिपिक सुरेंद्र कुमार को इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह किसी अन्य प्रकार से रोजगार या व्यवसाय में संलग्न नहीं है। निलंबन के दौरान उन्हें उन्हें उन्हीं मदों का भुगतान प्राप्त होगा, जिनकी प्रशासन ने अनुमति दी है।
जांच शुरू: मामले में आरोपी लिपिक के खिलाफ अपर उप जिलाधिकारी प्रथम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला प्रशासन ने जांच के बाबत निर्देशित किया है कि शीघ्रता से आरोप पत्र का गठन करके अनुमोदन के लिए उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करें।
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