उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारी के द्वारा रिश्वत लेने का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है, विजिलेंस टीम के द्वारा लगातार गिरफ्तारी कर कार्रवाई करने के बावजूद भी सरकारी कर्मचारियों के रिश्वत लेने की भूख नहीं मिट रही है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए दिन सरकारी कर्मचारियों के रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी का मामला देखने को मिलता है।
बुधवार को उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचार निवारण संगठन की अलग-अलग इकाई ने पुलिस विभाग के चालक और लेखपाल सहित तीन लोगों को अलग-अलग स्थान से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामले में संबंधित थाना क्षेत्र में आरोपी कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस का ड्राइवर गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम की लखनऊ इकाई ने पुलिस विभाग में तैनात आरक्षी चालक को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्नाव पुलिस में तैनात मुख्य आरक्षी चालक ने शिकायतकर्ता से लकड़ी कटवाने के एवज में पांच हजार के रिश्वत की मांग की गयी थी। मामले में शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन टीम में शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बाद अलर्ट हुई एंटी करप्शन टीम ने उन्नाव जिले के थाना सफीपुर में तैनात मुख्य आरक्षी चालक वीरेन्द्र कुमार यादव को उन्नाव जिले के उन्नाव-बांगरमऊ रोड कस्बा सफीपुर से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
चिट्स विभाग का प्रधान सहायक गिरफ्तार
भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई वाराणसी ने सोसायटी एवं चिट्स विभाग के प्रधान सहायक को चार हजार रुपए रिश्वत लेते हुए धर दबोचा है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन के मुताबिक वाराणसी के सोसायटी एवं चिट्स विभाग में तैनात प्रधान सहायक अरविंद कुमार गुप्ता को उनके कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता से प्रधान सहायक ने संस्था का नवीनीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने के एवज में चार हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। मामले में शिकायतकर्ता के शिकायत पर एंटी करप्शन टीम वाराणसी ने एक्शन लिया है।
लेखपाल गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम इकाई सहारनपुर ने मुजफ्फरनगर में तैनात लेखपाल को दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एंटी करप्शन टीम ने बताया कि मुजफ्फरनगर जिले के सदर तहसील में तैनात लेखपाल पंकज कुमार धीमान ने ग्राम समाज की भूमि को कब्जा मुक्त कराकर, विपक्षीगणों के खिलाफ कार्यवाही कराने के लिए में रिश्वत की मांग की गयी थी। उन्हें रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया गया है।
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