गोंडा: डीआई ने मनकापुर तहसील क्षेत्र के अलग-अलग दवा प्रतिष्ठानों पर छापेमारी करके अलग-अलग दुकानों से पांच नमूने भरे। वही दो दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देशन में जिला औषधि निरीक्षक रजिया बानो ने मनकापुर तहसील क्षेत्र में संचालित दवा प्रतिष्ठानों पर छापेमारी किया। जिससे मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया। औषधि निरीक्षक के छापेमारी की जानकारी मिलते ही कई मेडिकल स्टोर संचालक मेडिकल स्टोरों के शटर को बंद करके नौ दो ग्यारह हो गए।
बता दे की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मेडिकल स्टोरों पर दवाओं की उपलब्धता, अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रेट पर बिक्री, एवं उनकी गुणवत्ता बनाए रखने, के साथ नारकोटिक्स औषधियों की अवैध रूप से बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए जिला औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया है। जिसके क्रम में डीआई ने मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की है।
यहां हुई छापेमारी
जिला औषधि निरीक्षक ने छपिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बभनान रोड एवं गौरा चौकी रोड पर संचालित तीन मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया। जिसमें लाइफ जेस्ट फार्मा, अंश मेडिकल स्टोर एवं एसके मेडिकल स्टोर पर गहन जांच पड़ताल किया।
मिली खामियां
जांच के दौरान मेडिकल स्टोर में तमाम प्रकार की कमियां पाई गई, जिसके लिए जिला औषधि निरीक्षक ने मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि अपनी व्यवस्था में सुधार लाएं अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले में मेडिकल स्टोर संचालकों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया।
गुणवत्ताहीन संदिग्ध दवा बरामद
निरीक्षण के दौरान 1 मेडिकल स्टोर में रखी गई दवाइयां में संदिग्ध व गुणवत्ताहीन पांच प्रकार की दवाइयां बरामद हुई, जिसका नमूना लेकर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया। जांच रिपोर्ट आने के उपरांत मामले में कार्रवाई की जाएगी।
दुकान बंद कर भागे मेडिकल स्टोर संचालक
मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की जानकारी मिलते ही आतिश मेडिकल एजेंसी और आरके मेडिकल एजेंसी के दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों का शटर गिरा कर मौके से भाग निकले, जिसके कारण से निरीक्षण करने गई टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा, हालांकि मामले में कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
बोली डीआई
वही इस बाबत जिला औषधि निरीक्षक राजिया बानो ने कहा कि मेडिकल स्टोरो का निरीक्षण कर नमूने भरने की प्रक्रिया अनवरत जारी है। जिससे आम जनमानस को गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध हो सकें, व गलत तरीके से अपने व्यवसाय को चलाने वाले दवा व्यापारियों पर नकेल कसी जा सके।
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