खुर्शीद खान
सुल्तानपुर।मोतिगरपुर ब्लॉक क्षेत्र एक पखवारे से जंगली सियार के आतंक से जूझ रहा। सोमवार को यहां के खैरहा गांव की चार महिलाओ ने बहादुरी का परिचय देते हुए एक सियार को लाठी-डंडे से मारकर ढ़ेर कर दिया। तब कही जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। पिछले पंद्रह दिनों से लगी वन विभाग की टीम पूरी तरह फेल नजर आई है।दरअस्ल मोतिगरपुर के कोड़रिया क्षेत्र में पांच सितंबर को सियार ने एक दो माह की बच्ची को मार डाला था। इसके बाद से कोड़रिया खैरहा मीरपुर सरैया शुकुल दुलैचा, छेदुवारी आदि गांवो में सियार का आतंक देखने को मिला। महिला-पुरुष दोनों को सियार ने हमला कर घायल किया था। कई गांवो में वन विभाग की टीम ने बाक़यदा पिंजड़ा लगाकर सियार को पकड़ने के लिए एक एक किलो मांस लगाया लेकिन सियार पकड़ में नहीं आए।यही नहीं जाल से लेकर कैमरे तक लगाए गए परन्तु कोई सफलता वन विभाग को नहीं मिल सकी। इस बीच सोमवार को खैरहा गांव की कुछ महिलाएं बकरियों को लेकर चरणी नदी के किनारे की तरफ गई थी। तभी झाड़ियों के बीच से एक सियार ने बकरी पर धावा बोल दिया। बकरी तेजी से भागी तब एक महिला मोहरा देवी पत्नी स्व. दौलत निषाद की निगाह झाड़ी में छिपे सियार पर पड़ी। मोहरा की गुहार पर तीन अन्य महिलाएं रत्ना देवी पत्नी राम भुआल, बिंदू पत्नी राम सेवक व सुनीता देवी पत्नी मुन्नू लाठी-डंडे व हंसिया के साथ मौके पर पहुंची।चारों महिलाओं ने घेकर सियार पर हमला बोल दिया। देखते ही देखते चारों महिलाओं ने पीट कर सियार को मार डाला। ग्राम प्रधान सुभाष चंद्र निषाद की सूचना पर वन दरोगा चंद्र प्रकाश ने मौके पर जाकर जांच की है। बताया जा रहा है कि सियार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उसके गले में एक पतला तार भी बंधा मिला है।
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