सामूहिक रूप से लिया अवकाश,अल्प मानदेय से नही चल पा रहा परिवार
कमलेश
लखीमपुर-खीरी:दस हजार के अल्प मानदेय पर विधिवत सेवा दे रहे,शिक्षा मित्रों का परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। जिससे परेशान हो प्रदेश संगठनों के आह्वान पर आज लखनऊ के इको गॉर्डन व निदेशालय में आयोजित अनिश्चितकालीन धरने में शामिल होने के लिए जिले के सभी ब्लाकों से हजारों की संख्या में शिक्षा मित्र सामूहिक अवकाश लेकर लखनऊ कूच कर गए। जहां शासन से स्वयं समेत परिवार का सही से जीवन यापन करने के लिए मानदेय बढोत्तरी समेत अन्य मांग पूरी होने की आस जुड़ी हुई है।
प्रदेश संगठनों के आह्वान पर शिक्षक दिवस के अवसर पर लखनऊ के इको गॉर्डन समेत निदेशालय में पहुचकर मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगों को पूरा होने की शासन से उम्मीद की आस लगाकर धरना देने के लिए लखीमपुर जनपद से हजारों की संख्या में शिक्षामित्र लखनऊ कूच कर गए। जिसमें अधिकांश शिक्षामित्र बुधवार को सायं तो अवशेष गुरुवार को सुबह अलग अलग संसाधनों से निकले। इस दौरान ब्लाक ईसानगर, धौरहरा, रमियाबेहड़, निघासन, पलिया, मोहम्मदी, गोला, बिजुआ आदि के शिक्षा मित्रों ने बताया कि अन्य प्रदेशों की तुलना में यूपी के शिक्षा मित्रों को केवल दस हजार रुपये देकर सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। साथ ही बताया कि इस अल्प मानदेय से इतनी महंगाई में परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। जिससे परेशान होकर अब शासन से उम्मीद की किरण लेकर प्रदेश संगठनों के आह्वान पर सभी लखनऊ जा रहे है,जहां इको गॉर्डन समेत निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना देंगे,यह धरना शासन द्वारा मांगे पूरी होने तक अनवरत जारी रहेगा।
लखीमपुर के अधिकांश ब्लाकों में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर रहते समय का नहीं मिला 6 दिन का बकाया वेतन पूर्व सरकार के समय सहायक अध्यापक बने शिक्षा मित्रों का समायोजन निरस्त होने के समय का अधिकांश ब्लाकों के शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर रहते समय का 6 दिन का बकाया वेतन अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते आज तक नहीं मिला। जिसके लिए ब्लाक ईसानगर समेत अन्य ब्लाकों के शिक्षा मित्रों ने ब्लॉक से लेकर जिले तक अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गए बावजूद जिम्मेदारों ने बकाया 6 दिन का वेतन दिलाना मुमकिन नहीं समझा। जिसको लेकर शिक्षामित्र रामप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि बकाया वेतन के लिए ब्लाक से लेकर जिला मुख्यालय पर कई बार सभी की उपस्थिति प्रमाणित करवाकर जमा की गई फिर भी आजतक किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसको पाने के लिए वह आज भी प्रयासरत है।
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