उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार सरकारी कर्मियों के सिर चढ़कर बोल रहा है, लगातार कार्रवाई के बावजूद सरकारी कर्मियों का रिश्वत से नाता नहीं टूट रहा है। उत्तर प्रदेश की विजिलेंस टीम की अलग-अलग इकाई ने प्रदेश के दो अलग-अलग जिलों से तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ स्थानीय पुलिस में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
हेड कांस्टेबल गिरफ्तार
कानपुर के बाबूपुरवा के एसीपी कार्यालय में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात शाहनवाज खान को विजलेंस टीम ने दस हजार रूपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। हेड कांस्टेबल ने दिव्यांग वादी से एक मुकदमे में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाने के एवज में दस हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की थी। विजिलेंस टीम ने हेड कांस्टेबल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।
जेष्ठ लेखा परीक्षक गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम इकाई बरेली ने बदायूं जनपद में तैनात सांख्यिकी विभाग के जेष्ठ लेखा परीक्षक संदीप कुमार भारती को दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। दरअसल जेष्ठ लेखा परीक्षक ने शिकायतकर्ता से निर्माण विकास कार्य में ऑडिट किए जाने के एवज में दस हजार रुपए सुविधा शुल्क की मांग की थी। मामले में शिकायत के उपरांत भ्रष्टाचार निवारण संगठन बरेली ने सांख्यिकी विभाग के जेष्ठ लेखा परीक्षक संदीप कुमार भारती को बदायूं के रेड चीफ शोरूम के सामने तिराहा से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
बेलदार गिरफ्तार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कानपुर के बसंत बिहार के रहने वाले शिकायतकर्ता की कॉलोनी है। जिनकी रजिस्ट्री कराने के लिए वह बीते 10 वर्षों से भाग दौड़ कर रहे थे। वर्ष 2013 से अब तक केडीए की गणेश परिक्रमा करने के बावजूद कॉलोनी की रजिस्ट्री नहीं हो सकी। तब शिकायतकर्ता ने विजिलेंस टीम से संपर्क किया। मंगलवार के दोपहर केडीए की 3rd फ्लोर पर बेलदार नीरज मल्होत्रा को शिकायतकर्ता से दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
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