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12 करोड़ की धोखाधड़ी: महिला सहित पांच गिरफ्तार



उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले पांच शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने बैंक पासबुक, डायरी व कंप्यूटर सेट बरामद किया है।

बता दें कि 11 सितंबर को जिले के मसौली थाना क्षेत्र अंतर्गत सुरमरण्डा गांव के रहने वाले कई लोगों ने अपने साथ धोखाधड़ी होने का आरोप लगाया था। मामले में कोतवाली नगर पुलिस ने बच्चा लाल पुत्र शिवदास और मीरा देवी पत्नी वेद प्रकाश के शिकायती पत्र पर मुकदमा दर्ज किया था।

क्या है आरोप

दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि जिले के मसौली थाना क्षेत्र अंतर्गत शहावपुर गांव की रहने वाली रेखा देवी पत्नी सुनील कुमार गौतम खुद को रिच डायमण्ड इण्डिया लिमिटेड की एजेन्ट बताकर अपने साथियों के साथ मिलकर अधिक ब्याज का लालच देकर रुपये जमा कराया। जबकि पूरे रुपयों को अभिलेखों में न दिखाकर कम रुपये दिखाये गये। 

पांच गिरफ्तार

मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने मैनुअल इंटेलिजेंस के आधार पर फर्जी रिच डायमंड कंपनी बनाकर धोखाधड़ी करने वाले पांच शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है। 

किसकी हुई गिरफ्तारी

मामले में पुलिस ने मसौली थाना क्षेत्र अंतर्गत शहावपुर गांव की रहने वाली कंपनी एजेंट रेखा उर्फ धर्मावती पत्नी सुनील कुमार गौतम, मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के सूरतगंज के रहने वाले डायरेक्टर शैलेंद्र कुमार वर्मा पुत्र लालचंद वर्मा, सीतापुर जिले के मानपुर थाना अंतर्गत बन्नी खरेला गांव के रहने वाले ब्रांच मैनेजर सौरभ वर्मा पुत्र परमानंद वर्मा, जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सादुल्लापुर गांव के रहने वाले ऑफिस असिस्टेंट उपेंद्र कुमार पुत्र कमलेश कुमार और जहांगीराबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहिउद्दीनपुर गांव के रहने वाले फील्ड वर्कर अंकित कुमार यादव पुत्र रामहर्ष को बाराबंकी जिले के आवास विकास स्थित एलआईसी बिल्डिंग के पास से गिरफ्तार कर लिया है।

हजारों लोगों से धोखाधड़ी

पुलिस ने बताया कि आरोपी थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में एल.आई.सी. ऑफिस के पास आवास विकास स्थित सांई प्लाजा में रिच डायमण्ड इण्डिया लिमिटेड के नाम से फर्जी कम्पनी बनाकर भोले भाले व कम पढे लिखे लोगों को डेढ़ गुना ब्याज का लालच देकर खाता खुलवाते थे। पैसा जमा कराया जाता है खाताधारकों से जो पैसा प्रति महीना जमा किया जाता है, उसे अभिलेखों में कम अंकित करते थे। आरोपियों ने अब तक कूटरचित दस्तावेज बनाकर 1200-1300 लोगों से पैसा जमा किया है, लेकिन किसी को भी पैसा वापस नहीं किया गया।

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