उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने आधी रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छापेमारी की, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई। अस्पताल में डॉक्टर समेत कई कर्मचारी गायब रहे। स्टाफ नर्स और दाई कमरा बंद करके कुंभकरणी नींद में सोती मिली। खूब आवाज देने के बाद में दरवाजा खोलकर कमरे से बाहर निकली। अस्पताल में दो प्रसूता महिलाएं भर्ती मिली। उन्होंने कमिश्नर को बताया कि डॉक्टर साहब ने मेडिकल स्टोर से लाने के लिए 2000 की दवाई लिखी थी। जिसे मंगवा लिया गया है।
बता दे की उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार की रात 2:00 कमिश्नर के औचक निरीक्षण से स्वास्थ्य विभाग के करस्तानी की पोल खुल गई।
दरअसल शनिवार की रात 2:00 बजे देवीपाटन मंडल के आयुक्त ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सीएचसी से डॉक्टर समेत सभी कर्मचारी नदारद रहे।
कड़ी मशक्कत के बाद टूटी नींद
कमिश्नर के छापेमारी के दौरान रुपईडीह में तैनात स्टाफ नर्स अनुपम और दाई सीमा कमरा बंद करके सोई रही। कई बार आवाज देने के बाद दोनों कमरा खोलकर बाहर निकली।
प्रसूता महिलाओं ने खोली पोल
अस्पताल के वार्ड भर्ती प्रसूता महिलाओं ने कमिश्नर को बताया कि रात में यहां डॉक्टर नहीं रहते हैं, रात होते ही अस्पताल से पूरा स्टाफ चला जाता है। डॉक्टर साहब ने बाहर से लाने के लिए दवा लिखी थी। 2000 की दवा मेडिकल स्टोर से मंगवाए हैं। अस्पताल में भर्ती प्रसूता पूनम और उषा के घर वालों ने बताया कि अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि यहां रात में अस्पताल के कर्मचारी ही नहीं कोई चौकीदार भी नहीं रहता है। सुबह 10 से 11 बजे के आसपास सभी लोग मौजूद हो जाते है।
ब्लॉक में पसरा रहा सन्नाटा
बता दे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह और ब्लॉक मुख्यालय एक ही परिसर में संचालित है। आयुक्त के छापेमारी के दौरान ब्लॉक परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। रात में मौजूद रहने वाला चौकीदार तक नहीं दिखा।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ