अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के डीएवी इंटर कॉलेज के अध्यापक अशोक कुमार तिवारी तथा प्रबंधक संजय तिवारी के बीच चल रहे विवाद में राहत भरी खबर सामने आई है । अशोक तिवारी द्वारा मंगलवार को आमरण अनशन शुरू करने के बाद कटा हुआ वेतन तत्काल निर्गत करने का निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दिया गया है । डीआईओएस द्वारा आश्वासन के बाद अशोक तिवारी ने अपना अनशन समाप्त कर दिया ।
3 सितंबर को डीएवी इंटर कॉलेज के शिक्षक अशोक तिवारी ने बताया कि उन्होंने प्रातः 9:00 बजे ही जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय गेट पर ईश्वर के मुख्य नाम ओम का ध्वज स्थापित कर ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना वेद मंत्र पाठ के बाद दैनिक हवन किया । इसके बाद ओम का जाप करते हुए आमरण स्थान पर बैठ गया, जिसको देखते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के जिम्मेदार लोगों ने फोन करके एक गाड़ी पुलिस को बुला लिया । उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने मुझे अपराधी समझ कर उठाकर फेंकने को तैयार हो गई, लेकिन मैंने वेद को अपने सीने से चिपका कर पुलिस जनों को चुनौती दिया कि कुरान का एक पन्ना फटने पर पूरे विश्व में आग लग जाती है । सावधान अब हिंदू भी जाग चुका है, इसलिए यदि वेद का अपमान करके इधर-उधर फेंका तो केवल बलरामपुर नहीं पूरे भारत और पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन होगा । इतना कहकर में वेद को अपने सीने से चिपका कर ओम ओम जपने लगा । उन्होंने बताया कि मेरे सावधान करने से ना तो किसी बाबू की हिम्मत हुई और ना ही किसी पुलिस की हिम्मत हुई कि मेरे सीने से वेद को निकाल कर फेक सके और मुझे पुलिस गाड़ी में बैठाये तब उन लोगों ने पुलिस अधिकारियों को फोन किया जिस पर तुरंत ही पुलिस बल की दूसरी गाड़ी भी आ गई, लेकिन उसमें जो मुख्य ऑफिसर शैलेंद्र कुमार यादव कोतवाली देहात के उप निरीक्षक थे वह बहुत ही मर्दाना तथा ईमानदार थे । उन्होंने मुझसे पूरा प्रकरण पूछा और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबू से भी उसकी पुष्टि किया । फिर क्या था उसने सबके सामने कहा कि यह गुरु जी बुजुर्ग है हमारे जैसे पता नहीं कितने लोगों को पढ़ा पढ़ा करके अधिकारी बना दिए होंगे लेकिन आज इनका अपने वेतन के लिए अनशन करना समाज के लिए बहुत बड़े शर्म की बात है इतना कह कर उसे अधिकारी ने स्वयं अपने फोन से उच्च अधिकारियों को फोन किया, जिस पर जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने दिनेश कुमार को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा और दिनेश जी ने जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से मुझे पक्का भरोसा दिया कि आपका भी वेतन बनवा कर लाने के लिए मैं स्वयं डीएवी इंटर कॉलेज जा रहा हूं । डीएवी के सभी स्टाफ के साथी आपको भी वेतन मिलेगा । आप अनशन न तोड़ दीजिए । जिला विद्यालय निरीक्षक की बातों पर पूरा पूरा विश्वास करके मैंने अपना अनशन तोड़ दिया और घर चला आया ।
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