अखिलेश्वर तिवारी
इंदिरा गांधी दूरस्थ शिक्षा विश्वविद्यालय इग्नू द्वारा गुरुवार को सतत अपशिष्ट प्रबंधन समाधान और हरित नवाचार विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
एमएलके कॉलेज में इग्नू केंद्र के समन्वयक डॉ आलोक शुक्ला ने 12 सितंबर को बताया कि राम स्वरूप ग्राम उद्योग परास्नातक महाविद्यालय पुखरायां कानपुर देहात एवं इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा 1 सितंबर 2024 से 15 सितंबर 2024 के तहत सतत अपशिष्ट प्रबंधन समाधान और हरित नवाचारों का प्रस्ताव करने पर अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया । कार्यशाला की संरक्षक इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह सह- संरक्षक प्रोफेसर हिमांशु शेखर सिंह, कन्वीनर डॉ कीर्ति विक्रम सिंह सहायक निदेशक इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ, सह- कन्वीनर डॉ पर्वत सिंह समन्वयक रामस्वरूप ग्राम उद्योग परास्नातक महाविद्यालय पुखरायां कानपुर देहात, मुख्य वक्ता डॉ संजय कुमार वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौध संस्थान सहित अन्य वक्ताओं में डॉ अनीता तोमर वैज्ञानिक एफ आई सी एफ आर आई एफ रिहैबिलिटेशन सेंटर प्रयागराज, डा करुणेश तिवारी एसोसिएट प्रोफेसर भौतिक विभाग माय नेफि कॉलेज ऑफ़ साइंस माय नेफी इरिट्रिया। अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के सहभागियों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ मनोरमा सिंह ने कहा कि आज पृथ्वी को हरा भरा बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण की अति आवश्यकता है। प्रोफेसर हिमांशु शेखर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहां कि पृथ्वी को बचाने के लिए कचरा प्रबंधन की अति आवश्यकता है जो वहा के निवासियों को उच्च जीवन स्तर प्रदान करेगा। डॉ करुणेश तिवारी ने नैनो यूरिया, सोलर एनर्जी और इको फ्रेंडली टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर देने को कहा उन्होंने बताया कि नैनो नवाचार पूर्व की भांति खर्चीली नहीं है । मुख्य वक्ता प्रोफेसर संजय कुमार ने प्राकृतिक स्रोतों का अनुरक्षण एवं सतत कृषि की उपयोग पर बल देते हुए औषधीय पौधों के संरक्षण ,संवर्धन हेतु आपने बताया कि स्लाइवा, मलेरिया औषधि पौधा जो पहले चीन में ही उगता था अब भारत में भी उत्पादित हो रहा है। बस्ती के स्वयंसेवी वेद प्रकाश को इस कार्य में अग्रणी बताया। डॉ अनीता तोमर वैज्ञानिक फिसीएफआरआई एक रिहैबिलिटेशन सेंटर प्रयागराज ने अपने उद्बोधन में सतत विकास एवं हरित नवाचार के संदर्भ में प्रस्तुति देते हुए वायु एवं जल प्रदूषण के संदर्भ में समाज को आगाह किया उन्होंने अपने वक्तव्य में युवाओं को जंक फूड से परहेज करने की हिदायत दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ कीर्ति विक्रम सिंह ने करते हुए कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कानून 2016 जिसके मुख्य बिंदु में रिड्यूस, रियूस , रि सायकल पर बल देना होगा वही ई कचरा प्रबंधन में रिकवर पर फोकस करना होगा। अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डॉ हरीश कुमार सिंह ने कहा कि विभिन्न तरह के कचरे से उत्पन्न मीथेन गैस जो हमारे वायुमंडल को प्रदूषित कर रही है इसके लिए हमें आधुनिकीकरण से उत्पन्न समस्याओं का समाधान हर हाल में करना होगा अंत में सभी सहभागियों ने पृथ्वी को स्वच्छ एवं हरित बनाए रखने के लिए संकल्प लिया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ